Barsane ki Holi Song Lyrics: बरसाने की सबसे लोकप्रिय 13 होली गीतों का लिरिक्स

होली हमारे देश के बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध त्योहार है। होली के त्योहार में रंग गुलाल और फाग गीतों का विशेष महत्व रहता है। आज के लेख में हम बरसाने की होली गीत का लिरिक्स जानेंगे।

1. होली गीत – बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है

बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है,

ये केहता कृष्ण मुरारी है,

राधा संग सखियाँ सारी है होली में उड़े रंग भारी है,

कोई गोई कोई काली है ये कहता कृष्ण मुरारी है,

राधा वहा बड़ी न्यारी है,

बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है,

बीगी अंगियां बीगी साडी मारेगा न जब पिचकारी,

होरी मदन म्न्वारी है ये कहता कृष्ण मुरारी है,

राधा वहा बड़ी न्यारी है,

बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है,

रंग अबीर गुलाल उडावे श्यामा सब को मस्त बनावे,

नागर भी बलहारी है ये कहता कृष्ण मुरारी है,

राधा वहा बड़ी न्यारी है,

बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है,

2. होली गीत – होली रे होली बरसाने की होली

होली रे होली बरसाने की होली

राधा कृष्ण ने मिल कर खेली बरसाने की होली,

संग किशन के ग्वाल सखा है सखियाँ राधा टोली,

होली रे होली बरसाने की होली

हाथो में लेके रंगो गुलाल मोहन ने रंग डाले राधा के गाल,

राधा की होली थी सच मुच् कमाल श्याम रंग वाले को कर डाले लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली

लाली मेरे लाल की मैं चित देखु तित लाल,

लाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लाल,

नैनो से बाते करे नंग लाल मुश्का के राधा रानी करती कमल,

आज नहीं मन में है कोई मिलाल वैसा बरसाने में जैसे हो लाल

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली

हाथो में लेके रंगो गुलाल मोहन ने रंग डाले राधा के गाल,

राधा की होली थी सच मुच् कमाल श्याम रंग वाले को कर डाले लाल,

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली

लाली मेरे लाल की मैं चित देखु तित लाल,

लाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लाल,

नैनो से बाते करे नंग लाल मुश्का के राधा रानी करती कमल,

आज नहीं मन में है कोई मिलाल वैसा बरसाने में जैसे हो लाल

धूम धड़का खूब मची है मस्त मलंग हर टोली टोली,

होली रे होली बरसाने की होली

3. होली गीत – आज ब्रिज की होरी में

( आज ब्रिज की होरी में, मेरा मनवा डोला जाये,

वृन्दावन में खेलु होरी, बरसाना मिल मिल जाये )

तेरे प्यार में आया साँवरे वृन्दावन धाम आपार,

मैं तो होली खेलु बाँबरे संग लेलो नंद के लाल,

वृन्दावन की कुंज गली में….

सब सखा और तेरे संग में….

मैं तो रंग लगाऊँ तेरे गल, सुनले ओ नंद के लाल,

मैं तो होली खेलु बाँबरे संग लेलो नंद के लाल,

होरी है भई होरी है….होरी है भई होरी है….

लठमार बरसाना खेलु….

राधा रानी से मैं बोलु….

लाया हूं …..

लाया हूं नंद का लाल रसिया होरी में,

सुनले ओ नंद के लाल रसिया होरी में,

होरी में भई होरी में….होरी में भई होरी में….

लाल गुलाल लगा दु तोपें…..

फिर मैं बोलु सीधे मुँह से…

मैं तो मारू…..

मैं तो मारू पिचकारी धार रसिया होरी में,

सुनले ओ नंद के लाल रसिया होरी में,

यशोदा मइया से मिलवादे…

अपनी घर की बहू बना लेे….

मैं तो आउ….

मैं तो आउ वृन्दावन धाम रसिया होरी में,

मैं तो खेलु नंद के लाल रसिया होरी में,

होरी में होरी में भई….

बरसाने की होरी में…..

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4. होली गीत – फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नन्दकिशोर

फाग खेलन बरसाने आए हैं,

नटवर नन्दकिशोर।

घेर लईं सब गली रंगीली,

छाय रही छबि छटा रंगीली।

जिन ढप-ढोल मृदंग बजाए हैं,

बंशी की घनघोर॥

फाग खेलन बरसाने…।

जुर-मिलि कैं सब सखियाँ आईं,

उमड़ि घटा अम्बर में छाई।

जिन अबीर-गुलाल उड़ाए हैं,

मारत भरि-भरि झोर॥

फाग खेलन बरसाने…।

लै रहे चोट ग्वाल ढालन पै,

केसर-कीच मलें गालन पै।

जिन हरियल बाँस मँगाए हैं,

चलन लगे चहुँ ओर॥

फाग खेलन बरसाने…।

भई अबीर घोर अँधियारी,

दीखत नाहिं नर अरु नारी।

जिन राधे सैन चलाए हैं,

पकरे माखन चोर॥

फाग खेलन बरसाने…।

जो लाला घर जानौ चाहौ,

तो होरी कौ फगुआ लाऔ।

जिन श्याम ने सखा बुलाए हैं,

बाँटत भरि-भरि झोर॥

फाग खेलन बरसाने…।

राधे जू के हा-हा खाऔ,

सब सखियन के घर पहुँचाऔ।

जिन ‘घासीराम’ कथा गाए हैं,

भयौ कविता कौ छोर॥

फाग खेलन बरसाने…।

5. बरसानें में आज धूम मची होली की

बरसाने में आज धूम मची होली की,

धूम मची होली की, धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

रंग रंगीलो फागुण आयो,

ब्रज वासी को मन हर्षायो,

रंग रंगीलो फागुण आयो,

ब्रज वासी को मन हर्षायो,

नाचे दे दे ताल,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

नन्द गाँव से ग्वाला आये,

सुन्दर ढाल संग में लाये,

नन्द गाँव से ग्वाला आये

सुन्दर ढाल संग में लाये,

उड़त अबीर गुलाल,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

इत है नन्द गाँव के रसिया,

उत है बरसाने की सखियाँ,

इत है नन्द गाँव के रसिया,

उत है बरसाने की सखियाँ,

कर सोलह श्रृंगार,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

गली रंगीली शोभा न्यारी,

ग्वालन पड़ रही लठियाँ भारी,

गली रंगीली शोभा न्यारी,

ग्वालन पड़ रही लठियाँ भारी,

हो रही जय जयकार,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

या बृज की होली को देखन,

चढ़ आये सुर देव विमानन,

या बृज की होली को देखन,

चढ़ आये सुर देव विमानन,

करे फूलन की बौछार,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

बरसाने में आज धूम मची होली की,

धूम मची होली की, धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

6. होली गीत – होली खेले नंदलाल तो बरसाने आजाइयो

राधा रानी रंग लगवाने आजाइयो

होली खेले नंदलाल तो बरसाने आजाइयो

तेरे अंग अंग राधा रंग मैं लगाऊं रे

कान्हा गोकुल में अकेली कैसे आऊं रे

सखियों से मिलने के बहाने आजाइयो

तुमको दिखाऊं राधा अलग नजारे मैं

सोचना पड़ेगा कान्हा मुझे इस बारे में

प्यारी प्यारी सूरत को दिखाने आजाइयो

मेरे लिए राधा तुम्हे आना ही पड़ेगा

कान्हा कोई चक्कर चलाना ही पड़ेगा

होली में गुलाल तू उड़ाने आजाइयो

7. होली गीत – राधा कृष्ण ने मिलकर खेली बरसाने की होली

राधा कृष्ण ने मिलकर खेली,

बरसाने की होली,

राधा कृष्ण ने मिलकर खेली,

बरसाने की होली,

संग किशन के बाल सखा हैं,

संग किशन के बाल सखा हैं,

सखियन संग राधा टोली,

होली रे होली,

बरसाने की होली,

होली रे होली,

बरसाने की होली,

हाथो में लेकर रंग और गुलाल,

मोहन ने रंग डाले राधा के गाल,

हाथो में लेकर रंग और गुलाल,

मोहन ने रंग डाले राधा के गाल,

राधा की होली भी सचमुच कमाल,

श्याम रंग वाले को कर डाली लाल,

धूम धड़ाका खूब मची है ,

मस्त मगन हर टोली टोली,

बरसाने की होली,

होली रे होली,

बरसाने की होली,

लाल मेरे लाल की, मैं जित देखु उत लाल,

लाली देखन मैं चली, मैं भी हो गयी लाल,

नैनों से बाते करें नंदलाल,

मुस्का के राधा रानी करती सवाल,

नैनों से बाते करें नंदलाल,

मुस्का के राधा रानी करती सवाल,

आज नहीं मन में है कोई मलाल,

बरसा बरसाने में जैसे गुलाल,

धूम धड़ाका खूब मची है ,

मस्त मगन हर टोली टोली,

बरसाने की होली,

होली रे होली,

बरसाने की होली,

राधा कृष्ण ने मिलकर खेली,

बरसाने की होली,

राधा कृष्ण ने मिलकर खेली,

बरसाने की होली,

संग किशन के बाल सखा हैं,

संग किशन के बाल सखा हैं,

सखियन संग राधा टोली,

होली रे होली,

बरसाने की होली,

8. होली गीत – होली खेले नंदलाल तो बरसाने आजाइयो

राधा रानी रंग लगवाने अजाइयो

होली खेले नंदलाल तो बरसाने आजाइयो

तेरे अंग अंग राधा रंग मैं लगाऊं रे

कान्हा गोकुल में अकेली कैसे आऊं रे

सखियों से मिलने के बहाने आजाइयो

तुमको दिखाऊं राधा अलग नजारे मैं

सोचना पड़ेगा कान्हा मुझे इस बारे में

प्यारी प्यारी सूरत को दिखाने आजाइयो

मेरे लिए राधा तुम्हे आना ही पड़ेगा

कान्हा कोई चक्कर चलाना ही पड़ेगा

होली में गुलाल तू उड़ाने आजाइयो

9. होली गीत – बरसाने में आज धूम मची होली की

बरसाने में आज धूम मची होली की,

धूम मची होली की, धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

रंग रंगीलो फागुण आयो,

ब्रज वासी को मन हर्षायो,

रंग रंगीलो फागुण आयो,

ब्रज वासी को मन हर्षायो,

नाचे दे दे ताल,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

नन्द गाँव से ग्वाला आये,

सुन्दर ढाल संग में लाये,

नन्द गाँव से ग्वाला आये

सुन्दर ढाल संग में लाये,

उड़त अबीर गुलाल,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

इत है नन्द गाँव के रसिया,

उत है बरसाने की सखियाँ,

इत है नन्द गाँव के रसिया,

उत है बरसाने की सखियाँ,

कर सोलह श्रृंगार,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

गली रंगीली शोभा न्यारी,

ग्वालन पड़ रही लठियाँ भारी,

गली रंगीली शोभा न्यारी,

ग्वालन पड़ रही लठियाँ भारी,

हो रही जय जयकार,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

या बृज की होली को देखन,

चढ़ आये सुर देव विमानन,

या बृज की होली को देखन,

चढ़ आये सुर देव विमानन,

करे फूलन की बौछार,

धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

बरसाने में आज धूम मची होली की,

धूम मची होली की, धूम मची होली की,

बरसानें में आज धूम मची होली की।।

10. होली गीत – ब्रज में खेल रहे है होली

ब्रज में खेल रहे है होली

वृन्दावन की कुंज गलि में

निकली रंगों की टोली

ब्रज में खेल रहे है होली

नन्द के संग यशोदा प्यारी

यशोदा के संग सब नर नारी

कोई रंग गुलाल उडाये

कोई मरे भर पिचकारी

धरती अम्बर झूम उठे है

देख रंगों की है होली

ब्रज में खेल रहे है होली

ब्रज में खेल रहे है होली

कान्हा के संग राधा प्यारी

राधा के संग सखिया सारी

राधा के संग मदन मुरारी

सबको रंग लगाये गिरधारी

रंगों की बारिश में आज

भीगे राधा गोरी

ब्रज में खेल रहे है होली

ब्रज में खेल रहे है होली

ब्रज में खेल रहे है होली

वृन्दावन की कुंज गलि में

निकली रंगों की टोली

ब्रज में खेल रहे है होली

ब्रज में खेल रहे है होली

11. होली गीत – प्रेम रंग से भरी ये ब्रज की होरी लागे

प्रेम रंग से भरी ये ब्रज की होरी लागे,

दोहा

कान्हा पे रंग डारने,

गोरी राधिका आई,

रंग भरी वो प्यार के,

भर पिचकारी लाई।

प्रेम रंग से भरी ये ब्रज की होरी लागे,

ब्रज की होरी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे।।

मुरली मनोहर कारे कारे,

राधा गोरी गोरी,

कान्हा के संग खेलन आई,

बरसाने की होरी,

राधे और मोहन की,

हाँ राधे और मोहन की,

जोड़ी प्यारी लागे,

जोड़ी प्यारी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे,

प्रेम रंग से भरी ये ब्रज की होली लागे,

ब्रज की होरी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे।।

ग्वाल बाल और सखियों ने भी,

कर ली है तयारी,

बच ना पाए होरी में तो,

कोई भी इस बारी,

फागुन माह की छटा तो,

फागुन माह की छटा तो,

बडी न्यारी लागे,

बडी न्यारी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे,

प्रेम रंग से भरी ये ब्रज की होली लागे,

ब्रज की होरी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे।।

आओ भक्तो इस होरी में,

तुम भी तन मन रंग लो,

रंगों की इस होरी में,

प्रेम रंग तुम भर लो,

सारी दुनिया राधे मोहन,

सारी दुनिया राधे मोहन,

की पुजारी लागे,

हाँ पुजारी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे,

प्रेम रंग से भरी ये ब्रज की होली लागे,

ब्रज की होरी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे।।

प्रेम रंग से भरी ये ब्रज की होरी लागे,

ब्रज की होरी लागे,

कान्हा को तो लाल करने की तैयारी लागे।।

12. होली गीत – आज बृज में होली रे रसिया

आज बृज में होली रे रसिया।

होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥

अपने अपने घर से निकसी,

कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया।

कौन गावं के कुंवर कन्हिया,

कौन गावं राधा गोरी रे रसिया।

नन्द गावं के कुंवर कन्हिया,

बरसाने की राधा गोरी रे रसिया।

कौन वरण के कुंवर कन्हिया,

कौन वरण राधा गोरी रे रसिया।

श्याम वरण के कुंवर कन्हिया प्यारे,

गौर वरण राधा गोरी रे रसिया।

इत ते आए कुंवर कन्हिया,

उत ते राधा गोरी रे रसिया।

कौन के हाथ कनक पिचकारी,

कौन के हाथ कमोरी रे रसिया।

कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी,

राधा के हाथ कमोरी रे रसिया।

उडत गुलाल लाल भए बादल,

मारत भर भर झोरी रे रसिया।

अबीर गुलाल के बादल छाए,

धूम मचाई रे सब मिल सखिया।

चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,

चिर जीवो यह जोड़ी रे रसिया।

13. होली गीत – मची होरी उड़े रे गुलाल सखी रे बरसाने में

मची होरी उड़े रे गुलाल सखी रे बरसाने में ,

अरि हां सखी बरसाने में,

मची होरी उड़े रे गुलाल सखी रे बरसाने में ,

नन्द गांव के ठाकुर प्यारे,

होरी को बरसाना पधारे,

ठाकुर प्यारे बरसाना पधारे,

लठ बरसे पकड़े बाल सखी री बरसाने में,

मची होरी उड़े रे गुलाल सखी रे बरसाने में ,

सवारी सखियाँ देवे गाली,

चित मचित चाहु और है भारी,

ये तो देवे गाली देवे गाली,

तेरो चले न कोई वार,सखी री बरसाने में,

मची होरी उड़े रे गुलाल सखी रे बरसाने में ,

भर पिचकारा श्याम चलावे,

ऊंची अटारी पे धूम मचावे,

तेरे लाडला है गयो लाल,सखी री बरसाने में,

मची होरी उड़े रे गुलाल सखी रे बरसाने में ,

दोस्तों आज के लेख में हमने कुछ लोकप्रिय होली गीतों का लिरिक्स जाना। आज के लेख के संबंध में आप अपनी राय या सुझाव हमें कामेंट बाक्स में बता सकते हैं।

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