श्री गणेश जी के 14 सबसे प्रभावशाली मंत्र: पायें मनचाहा रिजल्ट

हमारे हिन्दू धर्म में श्री गणेश जी को प्रथम पुजनीय देवता माना जाता है। विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा आराधना से सभी प्रकार के विघ्न बाधाएं दूर होती है। इसीलिए किसी भी प्रकार के शुभ अवसर पर सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा की जाती है। आज के पोस्ट में हम श्री गणेश जी की 14 बेशकिमती मंत्रों के बारे में जानेंगे, जिनका पाठ सच्चे मन से करने से व्यक्ति को बहुत ही आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलता है।

श्री गणेश जी की 14 मंत्र

रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान श्री गणेश जी की पूजा के लिए बुधवार का दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन श्री गणेश जी की सच्चे मन से विधि विधान पूर्वक पूजा-पाठ, व्रत और मंत्रों के जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसलिए नीचे बताए गए सभी मंत्रों का पाठ बुधवार से शुरू करके नियमित रूप से विश्वास पूर्वक करें।



श्री गणेश जी के 14 सरल और प्रभावी मंत्र

॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥

यह श्री गणेश जी की सबसे सरल और बेहद प्रभावशाली मंत्र है, इस मंत्र का जाप सच्चे मन से श्रद्धापूर्वक करने से कार्य में आने वाले सारी बाधाए दूर होती है।

 

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

इस मंत्र का जाप करने के लिए पूर्व दिशा की ओर अपना मुंह करके बैठ जाएं और 7 से 21 बार ध्यान पूर्वक इस मंत्र का जाप करें। अगर किसी नए कार्य की शुरुआत कर रहे हैं तो पहले श्री गणेश जी की हवन पूजा आरती कर ले उसके बाद इस मंत्र का जाप करना शुरू करें।



॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

यह श्री गणेश जी का बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से श्री गणेश जी शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।



महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

इस मंत्र का जाप प्रतिदिन एक निश्चित संख्या में करें। जैसे 1 माला से 10 माला जाप करें। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां बाधाएं दूर होती है, सारे बिगड़े काम बनते हैं।

 

‘ॐ ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’

श्री गणेश जी का यह मंत्र बुध ग्रह से संबंधित है। इस मंत्र का जाप बुधवार के दिन से शुरू करके नियमित रूप से करें। इस मंत्र की जाप से कुंडली से बुध ग्रह के दोष दूर होती है।

 

‘ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।’

यह गणेश कुबेर मंत्र है। प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला यानी 108 बार जाप करने से पैसों से जुड़ी सारी समस्याएं दूर होती है।

 

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

इस मंत्र के जाप से घर परिवार की सारी कलह-क्लेश दूर होते हैं। घर गृहस्थी सदा खुशियों से भरा रहता है और धन, धान्य संपत्ति, समृद्धि, वैभव, विद्या, पराक्रम, शांति की प्राप्ति होती है।

 

‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’

इस मंत्र का जाप भगवान श्री गणेश जी को दूर्वा चढ़ाते समय करें। श्री गणेश जी को दूर्वा अति प्रिय है। दुर्वा चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं।




‘ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा’

जिन युवक युवतियों का विवाह नहीं हो पा रही है उन्हें इस मंत्र का जाप निश्चय ही करनी चाहिए। इस मंत्र की प्रभाव से विवाह का योग शीघ्र बनता है।



ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

इस मंत्र के जाप से नौकरी या व्यवसाय में आ रही परेशानियां दूर होती है।

 

ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं

इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करने से शीघ्र ही श्री गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इससे सुख समृद्धि और संपत्ति मिलती है।

 

ॐ गं गणपतये नमः

यदि आपके जीवन में बहुत सारी परेशानियां हैं और आप उन सभी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो उपरोक्त मंत्र का जाप करें। भगवान श्री गणेश जी का यह मंत्र इतना चमत्कारी है कि इसके जाप से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं। इस मंत्र के जाप से शीघ्र ही शुभ फल प्राप्त होती है।

 

गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।

नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।

धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।

गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।’

अगर आपकी कुंडली में ग्रह दोष है तो प्रत्येक बुधवार को इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र में श्री गणेश जी के 12 नामों का वर्णन है। इस मंत्र की जाप से भगवान श्री गणेश जी के 12 नाम का जाप किया जाता है।

 

त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।

नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

अगर आप किसी कार्य को लेकर बहुत मेहनत करते हैं और आपका कार्य बनते-बनते बिगड़ जाता है तो इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप से आपके सभी बिगड़े हुए कार्य पूर्ण होंगे। यदि मेहनत करने के बाद भी आप को मनवांछित लाभ नहीं मिल रही है तो इस मंत्र का 21 बार जाप करें। यह आपके सभी बिगड़े कार्य बना देगा।

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