Top 15 Hanuman Bhajan Lyrics: श्री हनुमान जी के 15 सदाबहार भजन

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श्री हनुमान जी जन जन के लोकप्रिय देव हैं। आज के लेख में हम श्री हनुमान जी के सबसे लोकप्रिय भजन व श्री हनुमान चालीसा का पाठ जानेंगे।

हनुमान भजन लिरिक्स

हनुमान जी की महिमा अपरंपार है। वे अत्यंत बलशाली, बुद्धिमान और पराक्रमी हैं। वे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के प्रति अपने अनन्य प्रेम और भक्ति के लिए जाने जाते हैं। हनुमान जी ने अपने जीवन में कई चमत्कार किए हैं, जिनसे उन्होंने भगवान राम की सहायता की है।

आज का हमारा लेख श्री हनुमान जी की लोकप्रिय भजनों पर आधारित है। लेकिन चूंकि श्री हनुमान जी प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं, इसलिए हम शुरुआत श्री राम के एक सुंदर भजन से करेंगे

कौशल्या, दशरथ के नंदन राम ललाट पे शोभित चन्दन – श्री राम भजन

( श्री राम भजन विडियो )

कौशल्या, दशरथ के नंदन

राम ललाट पे शोभित चन्दन

रघुपति की जय बोले लक्ष्मण

राम सिया का हो अभिनन्दन

अंजनी पुत्र पड़े हैं चरण में

राम सिया जपते तन मन में

मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

मेरे तन मन धड़कन में

सिया राम राम है

मन मंदिर के दर्पण में

सिया राम राम है

तू ही सिया का राम

राधा का तू ही श्याम

जन्मो जनम का ही ये साथ है

मीरा का तू भजन

भजते हरी पवन

तुलसी में भी लिखी ये बात है

मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

मंगल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम सिया राम

जय जय राम

1.श्री हनुमान भजन लिरिक्स – बाल समय रवि भक्ष लियो

बाल समय रवि भक्ष लियो तब,

तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।

ताहि सों त्रास भयो जग को,

यह संकट काहु सों जात न टारो ।

देवन आनि करी बिनती तब,

छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो !!

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,

जात महाप्रभु पंथ निहारो ।

चौंकि महामुनि साप दियो तब,

चाहिए कौन बिचार बिचारो ।

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु।

सो तुम दास के सोक निवारो ॥

अंगद के संग लेन गए सिय,

खोज कपीस यह बैन उचारो ।

जीवत ना बचिहौ हम सो जु,

बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।

हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,

लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥

रावण त्रास दई सिय को सब,

राक्षसी सों कही सोक निवारो ।

ताहि समय हनुमान महाप्रभु,

जाए महा रजनीचर मरो ।

चाहत सीय असोक सों आगि सु,

दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥

बान लाग्यो उर लछिमन के तब,

प्राण तजे सूत रावन मारो ।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत,

तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।

आनि सजीवन हाथ दिए तब,

लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥

रावन जुध अजान कियो तब,

नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,

मोह भयो यह संकट भारो ।

आनि खगेस तबै हनुमान जु,

बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥

बंधू समेत जबै अहिरावन,

लै रघुनाथ पताल सिधारो ।

देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,

देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।

जाये सहाए भयो तब ही,

अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,

बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।

कौन सो संकट मोर गरीब को,

जो तुमसे नहिं जात है टारो ।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,

जो कछु संकट होए हमारो ॥

॥ दोहा ॥

लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर ।

वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर ॥

2. हनुमान भजन लिरिक्स – आज मंगलवार है महावीर का वार है

आज मंगलवार है,

महावीर का वार है,

ये सच्चा दरबार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

चैत्र सुदी पूनम मंगल का,

जनम वीर ने पाया है,

लाल लंगोट गदा हाथ में,

सर पर मुकुट सजाया है,

शंकर का अवतार है,

महावीर का वार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

ब्रह्मा जी के ब्रम्ह ज्ञान का,

बल भी तुमने पाया है,

राम काज शिव शंकर ने,

वानर का रूप धारिया है,

लीला अपरमपार है,

महावीर का वार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

बालापन में महावीर ने,

हरदम ध्यान लगाया है,

श्रम दिया ऋषिओं ने तुमको,

ब्रम्ह ध्यान लगाया है,

राम रामाधार है,

महावीर का वार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

राम जनम हुआ अयोध्या में,

कैसा नाच नचाया है,

कहा राम ने लक्ष्मण से ये,

वानर मन को भाया है,

राम चरण से प्यार है,

महावीर का वार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

पंचवटी से माता को जब,

रावण लेकर आया है,

लंका में जाकर तुमने,

माता का पता लगाया है,

अक्छाय को मार है,

महावीर का वार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

मेघनाथ ने ब्रह्पाश में,

तुमको आन फसाया है,

ब्रह्पाश में फस कर के,

ब्रम्हा का मान बढ़ाया है,

बजरंगी वाकी मार है,

महावीर का वार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

लंका जलायी आपने,

जब रावण भी घबराया है,

श्री राम लखन को आनकर,

माँ का सन्देश सुनाया है,

सीता शोक अपार है,

महावीर का वार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

आज मंगलवार है,

महावीर का वार है,

ये सच्चा दरबार है,

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे,

उसका बेड़ा पार है।।

3. श्री हनुमान भजन – हे दुख भंजन मारुति नंदन

हे दुख भंजन मारुति नंदन

सुन लो मेरी पुकार पवंसुत विनती बारंबार

पवंसुत विनती बारंबार

हे दुख भंजन मारुति नंदन

सुन लो मेरी पुकार पवंसुत विनती बारंबार

पवंसुत विनती बारंबार

अस्त सिद्धि ना निधि के दाता

अस्त सिद्धि ना निधि के दाता

दुखियों के तुम भाग्या विधाता

दुखियों के तुम भाग्या विधाता

सिया राम के काज सवरें मेरा कर उद्धार

पवंसुत विनती बारंबार

पवंसुत विनती बारंबार

हे दुख भंजन मारुति नंदन

सुन लो मेरी पुकार पवंसुत विनती बारंबार

पवंसुत विनती बारंबार

अपरंपार है शक्ति तुम्हारी

अपरंपार है शक्ति तुम्हारी

तुम पर रीझे अवध बिहारी

तुम पर रीझे अवध बिहारी

भक्ति भाव से ध्याऊ तोहे

भक्ति भाव से ध्याऊ तोहे

कर दुखहो से पर पवंसुत विनती बारंबार

पवंसुत विनती बारंबार

हे दुख भंजन मारुति नंदन

सुन लो मेरी पुकार पवंसुत विनती बारंबार

पवंसुत विनती बारंबार

जापू निरंतर नाम तिहारा

जापू निरंतर नाम तिहारा

अब नही छोड़ूं तेरा द्वार

अब नही छोड़ूं तेरा द्वार

राम भक्त मोहे शरण मे लीजे

भाव सागर से तार

पवंसुत विनती बारंबार

पवंसुत विनती बारंबार

4. श्री हनुमान जी के भजन – पार न लगोगे श्री राम के बिना

( पार ना लगोगे श्री राम के बिना – विडियो )

पार ना लगोगे श्री राम के बिना,

राम ना मिलेंगे हनुमान के बिना,

राम ना मिलेंगे हनुमान के बिना,

श्री राम ना मिलेंगे हनुमान के बिना।

वेदों ने पुराणों ने कह डाला,

राम जी का साथी बजरंग बाला,

जीये हनुमान नहीं राम के बिना,

राम भी रहे ना हनुमान के बिना।

जग के जो पालन हारे हैं,

उन्हें हनुमान बड़े प्यारे हैं,

कर लो सिफ़ारिश दाम के बिना,

रास्ता ना मिलेगा हनुमान के बिना।

जिनका भरोसा वीर हनुमान,

उनका बिगड़ता नहीं कोई काम,

लक्खा कहे सुनों हनुमान के बिना,

कुछ ना मिलेगा गुणगान के बिना।

 

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5. श्री हनुमान जी के भजन – हनुमान तुम्हारा क्या कहना

( हनुमान तुम्हारा क्या कहना – वीडियो )

कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही, हनुमान तुम्हारा क्या कहना

कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही, हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।

तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहन..

सीता की खोज करी तुमने, तुम सात समुन्दर पार गये।

लंका को -किया शमशान प्रभु, बलवान तुम्हारा क्या कहना।

तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना..

जब लखन लाल को शक्ति लगी तुम घोलगिर पर्वत लाये,

लक्ष्मण के बचाये आ कर के तब प्राण तुम्हारा क्या कहना।

तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना..

तुम भक्त शिरोमनी हो जग मे तुम वीर शिरोमनी हो जग मे,

तेरे रोम रोम मे बसते हैं सिया राम तुम्हारा क्या कहना..

 

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6. श्री हनुमान चालीसा

दोहा

श्री गुरुचरण सरोज रज , निज मन मुकुरु सुधारि ।

बरनऊॅ रघुबर विमल जसु , जो दायक फल चारि ।।1

बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौं पवन-कुमार ।

बल बुधि विद्या देहु मोहिं , हरहु कलेस बिकार ।।2

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।

जय कपीश तिहुॅ लोक उजागर ।।1

राम-दुत अतुलित बलधामा ।

अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ।।2

महाबीर विक्रम बजरंगी ।

कुमति निवार सुमति के संगी ।।3

कंचन बरण बिराज सुबेसा ।

कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।4

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।

कॉधे मूॅज जनेऊ साजै ।।5

शंकर-सुवन केशरी-नंदन ।

तेज प्रताप महा जग-वंदन ।।6

विद्यावान गुनी अति चातुर ।

राम काज करिबे को आतुर ।।7

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।

राम लखन सीता मन बसिया ।।8

सुक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।

बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।9

भीम रूप धरि असुर संहारे ।

रामचंद्र के काज संवारे ।।10

लाय सजीवन लखन जियाये ।

श्री रघुबीर हरषि उर लाये ।।11

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।

तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।12

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।

अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ।।13

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।

नारद सारद सहित अहीसा ।।14

जम कुबेर दिगपाल जहां ते ।

कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।।15

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।

राम मिलाय राज पद दीन्हा ।।16

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना ।

लंकेस्वर भए सब जग जाना ।।17

जुग सहस्र योजन पर भानू ।

लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।18

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।

जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।।19

दुर्गम काज जगत के जेते ।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।20

राम दुआरे तुम रखवारे ।

होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।21

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।

तुम रक्षक काहू को डर ना ।।22

आपन तेज सम्हारो आपै ।

तीनों लोक हांक तें कांपै ।।23

भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।

महाबीर जब नाम सुनावै ।।24

नासै रोग हरै सब पीरा ।

जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।25

संकट तें हनुमान छुड़ावै ।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।।26

सब पर राम तपस्वी राजा ।

तिन के काज सकल तुम साजा ।।27

और मनोरथ जो कोई लावै ।

सोइ अमित जीवन फल पावै ।।28

चारों जुग परताप तुम्हारा ।

है परसिद्ध जगत उजियारा ।।29

साधु-संत के तुम रखवारे ।

असुर निकंदन राम दुलारे ।।30

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।

अस बर दीन जानकी माता ।।31

राम रसायन तुम्हरे पासा ।

सदा रहो रघुपति के दासा ।।32

तुम्हरे भजन राम को पावै ।

जनम जनम के दुख बिसरावै।।33

अंतकाल रघुबर पुर जाई ।

जहां जन्म हरि-भक्त कहाई ।।34

और देवता चित्त न धरई ।

हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।35

संकट कटै मिटै सब पीरा ।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।36

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।

कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।।37

जो सत बार पाठ कर कोई ।

छुटहि बंदि महा सुख होई ।।38

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।

होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।39

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।

कीजै नाथ हृदय मंह डेरा ।।40

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।

7. श्री हनुमान जी के भजन – मंगल मूर्ति राम दुलारे

मंगल मूर्ति राम दुलारे

आन पड़ा अब तेरे द्वारे

हे बजरंगबली हनुमान

हे महावीर करो कल्याण

मंगल मूर्ति राम दुलारे

तीनो लोग तेरा उजियारा

दुखीयो का तूने काज संवारा

हे जग वंदन केसरी नंदन

कष्ट हरो हे कृपा निधान

हे महावीर करो कल्याण

तेरे द्वारे जो भी आया

खाली नहीं कोई लौट आया

दुर्गम काज बनावल हारी

मंगलमय दीजो वरदान

हे महावीर करो कल्याण

तेरा सुमिरन हनुमत वीरा

नासे रोग हरे सब पीरा

राम लखन सीता मन बसिया

चरण पड़े का कीजे ध्यान

हे महावीर करो कल्याण

भक्ति की ज्योत जगा दो मन में

राम कृपा बरसे मेरे मन में

बल बुद्धि विद्या के दाता

हर लीजे मन का अज्ञान

हे महावीर करो कल्याण

मंगल मूर्ति राम दुलारे

आन पड़ा अब तेरे द्वारे

हे बजरंगबली हनुमान

हे महावीर करो कल्याण

हे महावीर करो कल्याण

मित्रों आगे अब हम श्री हनुमान जी के भजनों का लिस्ट नीचे दे रहे हैं, आप उन पर क्लिक करके उस भजन को पूरा पढ़ सकते हैं….

1. दुःख में बंदे ना घबराना पढ़ो हनुमान चालीसा

2. अरे लंकावालों दशानन से कह दो

3. आ लौट के आ जा हनुमान

4. हमने दिल से नहीं बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान

5. बाल समय रवि भक्ष लियो

6. राम पे जब जब विपदा आई कौन बना रखवाला

7. बजरंग बाला

8. मेरे मन में बस गया है यू अंजनी का हनुमान

9. ख़ुश होंगे हनुमान राम राम किए जा

10. हनुमान गाथा – हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं

11. हनुमान तुम्हारा क्या कहना

12.  बजरंग बली का क्या कहना 

13. आज मंगलवार है महावीर का वार है

14. हे दुख भंजन मारुति नंदन 

15. हे महाबली हनुमान प्रभु तेरी महिमा निराली है 

16. भक्ति के रंग में रंगे हनुमान नज़र आये

17. भक्ति के रंगे रंग में हनुमान नजर आए

18. राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते

19. जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली, लेके शिव रूप आना गजब हो गया 

20. दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं, संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं लिरिक्स

21. जो खेल गए प्राणों पर श्रीराम के लिए 

22. खुश होंगे हनुमान राम राम किये जा 

23. दुनिया चले ना श्री राम के बिना लिरिक्स 

24. जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए 

25. बजरंग बलि मेरी नाव चली, मेरी नाव को पार लगा देना 

26. संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं लिरिक्स व वीडियो 

8. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान 

मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान,

अंजनी माँ का राज दुलारा,

पवन पिता का पुत्र ये प्यारा म्हारा से भगवन,

मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान।

लाल लंगोटा हाथ में सोटा,

लाल लंगोटा हाथ में सोटा मोटा से साहूकार,

मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान।

मंगल का दिन शुभ का होसे,

मिल्या अमर वरदान मिल्या अमर वरदान,

मेरे मन बस गया है यो अंजनी का हनुमान।

9. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला 

श्री हनुमान भजन हिंदी – लखबीर सिंह लक्खा

अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला

कोई ना तुमसा बलि

सुमिरन करे जो

ध्यान धरे जो

करता तू उसकी भली

है सालासर में

धाम तुम्हारा

भक्तो का प्यारा तू

राम दुलारा

शीश झुकाता संसार सारा

अंजनी का लाला

बज रहा जगत में

डंका तेरे नाम का

जानते सब तुझे

सेवक श्री राम का

भक्ति में शक्ति की

तुम ही तो पहचान हो

भक्तो में भक्त तुम

बांके हनुमान हो

विघ्न हरण हो

मंगल के दाता

सुमिर सुमिर

नर भव तर जाता

अंजनी का लाला

ओ बजरंग बाला

कोई ना तुमसा बली

सुमिरन करे जो

ध्यान धरे जो

करता तू उसकी भली

कपट से जब रावण

हर ले गया जानकी

फूंक दी सोने की लंका

बेईमान की

है लखन मूर्छित

और बन गई जान की

तुमने ही रक्षा की

तब राम की आन की

लाये संजीवन तुम हनुमाना

संकट मोचन सब जग जाना

अंजनी का लाला

ओ बजरँग बाला

कोई ना तुमसा बली

सुमिरन करे जो

ध्यान धरे जो

अंजनी का लाला

ओ बजरँग बाला ।

10. श्री हनुमान भजन लिरिक्स –  बजरंग बाला जय हो अंजनी के लाला रे

तर्ज – कौन दिशा में लेके चला रे

बजरंग बाला जय हो अंजनी के लाला रे

बजरंग बाला जय हो अंजनी के लाला रे

जपूँ नाम तिहारो, मोहें लागे अति प्यारो,

बाबा दर्शन दे ….

दर्शन दे, बजरंग बाला जय हो…..

ओ शंकर सुवन केसरी नन्दन

पवनपुत्र बलवान रे

पवनपुत्र बलवान रे

ओ राम लखन के काज सवांरे

अंजनीपुत्र महान रे

अंजनीपुत्र महान रे

तीन लोक में महीमा तेरी

तीन लोक में महीमा तेरी

गावे सब संसार रे

बजरंग बाला जय हो अंजनी के लाला रे।

शक्ति लगी जब लक्ष्मण को तब

विपदा में थे राम हो

विपदा में थे राम हो

लायें संजीवन लखनजी आये

रघुवर तब हरषाये हो

रघुवर तब हरषाये हो

रघुपति की तब तुम्हरी बडाई

रघुपति की तब तुम्हरी बडाई

मान्यों भरत सम भाई रे

बजरंगबाला जय हो अंजनी के लाला रे।

रावण मार राम घर आये

राजतिलक रघुवर को कराये

राजतिलक रघुवर को कराये

चीर के छाती भरी सभा में

सीयाराम की छवि दीखलावे

सीयाराम की छवि दीखलावे

सुर नर मुनिजन करत आरती

सुर नर मुनिजन करत आरती

कमलदीप जष गाये रे

बजरंगबाला जय हो अंजनी के लाला रे।

बजरंगबाला जय हो अंजनी के लाला रे

बजरंगबाला जय हो अंजनी के लाला रे

जपूँ नाम तिहारो, मोहें लागे अति प्यारो,

बाबा दर्शन दे ….

दर्शन दे,

बजरंगबाला जय हो अंजनी के लाला रे।

11. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – राम पे जब जब विपदा आई विडियो 

उनसे कहना राम राम वोह कहेंगे राम राम

कुछ भी सुनते नहीं बस सुनेगे राम राम

राम पे जब जब विपदा आई

राम पे जब जब विपदा आई कौन बना रखवाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मात सिया को राम प्रभु से

मात सिया को राम प्रभु से कौन मिलाने वाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

जितने भी काम थे मुश्किल बजरंग के हिस्से आए

हनुमत के सिवा कोई भी सागर को लांघ न पाए

जितने भी काम थे मुश्किल बजरंग के हिस्से आए

हनुमत के सिवा कोई भी सागर को लांघ न पाए

रावण की सोने की लंका

रावण की सोने की लंका कौन जलाने वाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

शक्ति लागी लक्ष्मण को और मूर्छा भारी छाई

धरती पे देख लखन को तब रोने लगे रघुराई

शक्ति लागी लक्ष्मण को और मूर्छा भारी छाई

धरती पे देख लखन को तब रोने लगे रघुराई

संजीवन लाकर के लखन को

संजीवन लाकर के लखन को कौन जगाने वाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

विभीषण ताहना मारे बजरंगी सह ना पाए

भक्ति कहते है किसको यह सबको ज्ञान कराए

विभीषण ताहना मारे बजरंगी सह ना पाए

भक्ति कहते है किसको यह सबको ज्ञान कराए

भरी सभा में चीर के छाती

भरी सभा में चीर के छाती कौन दिखाने वाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

जो हनुमान न होते ना होती राम कहानी

घर घर में राम प्रभु की न महिमा जात बखानी

जो हनुमान न होते ना होती राम कहानी

घर घर में राम प्रभु की न महिमा जात बखानी

कहे पवन भक्ति का डंका

कहे पवन भक्ति का डंका कौन बजाने वाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

राम पे जब जब विपदा आई

राम पे जब जब विपदा आई कौन बना रखवाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मात सिया को राम प्रभु से

मात सिया को राम प्रभु से कौन मिलाने वाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला

मेरा बजरंग बाला हो मेरा बजरंग बाला।।

12. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – बजरंग बाला मां अंजनी का लाला

तर्ज – मिलो न तुम तो हम

लाल देह और लाल है चोला

मुखड़ा भोला भाला

ऐसे बजरंग बाला हो…

मां अंजनी का लाला।

शीश मुकुट है गदा हाथ में,

और गले में माला,

ऐसे बजरंग बाला….

मां अंजनी का लाला।

बजरंगबली के डर से

भूत प्रेत सब भाग जाते हैं,

इनकी कृपा हो जाये

सोये भाग फिर से जाग जाते है,

दूर करे सारा अँधियारा ,

लाये नया सवेरा

ऐसे बजरंग बाला..

करके छलावा रावन

ले गया था सीताजी को साथ रे

ला के खबरिया हनुमंत

बने रामजी के प्यारे दास रे

सोच समझ कर लंकापुरी को

तहस नहस कर डाला

ऐसे बजरंग बाला..

जब जब भी संकट में थे

परम कृपालु श्री रामजी

उसी राम नाम सहारे

हनुमान सवारे सारे काम जी

भक्त और भगवान का देखो

बंधन खूब निराला

ऐसे बजरंग बाला..

13. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा 

सुबह शाम आठो याम,

यहीं नाम लिए जा,

खुश होंगे हनुमान,

राम राम किए जा।।

लिखा था राम नाम वो,

पत्थर भी तर गए

किए राम से जो बैर,

जीते जी वो मर गए

बस नाम का रसपान,

ए इंसान किए जा

खुश होगे हनुमान,

राम राम किए जा।।

राम नाम की धुन पे नाचे,

हो कर के मतवाला

बजरंगी सा इस दुनिया में,

कोई ना देखा भाला,

जो भी हनुमत के दर पे आता,

उसका संकट टाला,

मुख में राम, तन में राम,

जपे राम राम की माला।

जहाँ राम का कीर्तन,

वही हनुमान जति हो,

गोदी मे गणपति को लें,

शिव पार्वती हो,

सियाराम की कृपा से,

सौ साल जिए जा,

खुश होगे हनुमान,

राम राम किए जा।।

जिसपे दया श्री राम की,

बांका ना बाल हो,

उसका सहाई ‘लक्खा’,

अंजनी का लाल हो

‘राजपाल’ तू हर हाल में,

जयकार किए जा,

खुश होगे हनुमान,

राम राम किए जा।।

सुबह शाम आठो याम,

यहीं नाम लिए जा,

खुश होंगे हनुमान,

राम राम किए जा।।

14. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं 

हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं

पावन कथा सुनाते हैं

वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं

हम कथा सुनाते हैं

जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं

पावन कथा सुनाते हैं

वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

पुंजिकस्थला नाम था जिसका स्वर्ग की थी सुंदरी

वानर राज को जर के जन्मी नाम हुआ अंजनी

कपि राज केसरी ने उससे ब्याह रचाया था

गिरी नामक संगपर क्या आनंद मंगल छाया था

राजा केसरी को अंजना का रूप लुभाया था

देख देख अंजनी को उनका मान हार्षया था

वैसे तो उनके जीवन में थी सब खुशहाली

परन्तु गोद अंजनी माता की संतान से थी खाली

अब सुनो हनुमंत कैसे पवन के पुत्र कहते हैं

पावन कथा सुनाते हैं

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

पुत्र प्राप्ति कारण आंजना तप कीन्हा भारी

मतंग मुनि प्रसन्न हुए अंजना के हितकारी

बोले मुनि वक्टा चली जाओ हे देवी अंजना

वक्तेश्वर भगवान को जप और तप से प्रशन्न करना

अंजना ने आकाश गंग का पावन जल पिया

घोर तपस्या करके वायु देव को प्रसन्न किया

अंजनी मां को स्पर्श किया वायु का एक झोंका

पवन देव हो प्रकट उन्हें फिर पुत्र प्रदान किया

इस कारण बजरंग पवन के पुत्र कहाते हैं

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

राजा केसरी और अंजना करते नित शिव पूजा

शिव भक्ति के बिना नहीं था काम उन्हें दूजा

हो प्रशन शिव प्रकट हुए तब अंजना वर मांगी

हे शिव शंकर पुत्र मेरा हो आपके जैसा ही

शिवजी बोले अंजना होगी पूर्ण तेरी इच्छा

मेरे अंश का 11वा रुद्र ही पुत्र तेरा होगा

जन्म लिया बजरंगी घट गए संकट के बादल

चैत्र शुक्ल की 15 की और दिन था शुभ मंगल

बजरंगी तब से शंकर के अवतार कहाते हैं

पावन कथा सुनाते हैं

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

केसरी नंदन का है भक्तो प्यारा था बचपन

झूल रहे थे चंदन के पालने में सुख रंजन

कामकाज में लगी हुई थी तब अंजना रानी

सूरज को फल समझ उन्होंने खाने की ठाणी

उड़ने की शक्ति पवन देव ने उनको दे ही दी थी

उड़ने लगे सूरज का फल खाने वाले बजरंगी

वायु देव को चिंता हुई मेरा बच्चा जल ना जाए

सूर्य देव की किरणों से मेरा फूल झुलस ना जाए

बर्फ के जैसी वायु देव यूं हवा चलाते हैं

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

सूर्य देव ने उनको आते देखा अपनी ओर

समझ गए वो पवन पुत्र है नहीं बालक कोई और

शीतल कर ली सूर्य देव ने अपनी गरम किरणें

पवन पुत्र गुरु रथ पर चढ़कर सूर्य लगे डसने

अमावस्या को राहु सूर्य डसने को जब आया

बजरंगी का खेल देखके बड़ा ही घबराया

इंद्रदेव को आकर सारा हाल था बतलाया

बोला एक बालक से मैं तो प्राण छुड़ा लाया

इंद्रदेव को साथ में लेकर राहु आते हैं

पावन कथा सुनाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

साथ साथ इंद्र को लेकर वापस राहु जब आया

बालाजी की मार से खुद को बचा नहीं पाया

मार मार कर राहु को जब कर डाला बेहाल

दौड़े ऐरावत को खाने माँ अंजनी के लाल

ऐरावत की रक्षा करने इंद्र बने फिर ढाल

बालाजी की शक्ति की जब देखे इंद्र कमाल

समझ खिलौना बाला ऐरावत को पकड़ लिए

इंद्र देवता को भी अपनी भुजा में जकड लिए

इंद्र देव क्या करते है आगे बतलाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

वार किया जब वज्र से इंद्र ने उनकी ठोड़ी पर

मूर्छित होकर पवन पुत्र गिर गए गिरी कंदरा पर

इंद्र देवता क्रोधित होकर गति रोक ली अपनी

तीनो लोक के प्राणी करने करने त्राहि त्राहि

सारे देवताओ को ना सूझी जब कोई भी आस

ब्रह्मा जी को लेकर पहुंचे पवन देव के पास

ब्रह्मा जी ने हाथ जब उनके अंगो पर फेरा

क्षण दूर हुई बाला बजरंगी की मूर्छा

वरदान उन्हें दे देके सारे देव मनाते है

पावन कथा सुनाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

ब्रह्म देव ने बजरंगी को यह वरदान दिया

ब्रह्म कभी नहीं लगेगा इसको ऐलान किया

बोले इंद्र तेरा शरीर होगा वज्र के जैसा कठोर

सूर्य देवता बोले देख के सेह से उनकी ओर

मेरे तेज से होगा बाला तू तो शतावधान

वरुण ने अपने पाश और जल से बचने का दिया वरदान

कहने लगे यमराज तू मेरे दंड से रहेगा दूर

और बोहोत से देवो ने वरदान दिए भरपूर

इस कारण बजरंग सब देवो के देव कहाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

ब्रह्म देवता बोले होगा तू ऐसा ज्ञानी

झुक जाएंगे तेरे आगे बड़े बड़े अभिमानी

तुझे युद्ध में कोई पराजित कर नहीं पायेगा

तू जैसा चाहेगा वैसा रूप बनाएगा

संकटहारी तू सबका ही होगा हितकारी

कहने लगे फिर इंद्र देव हे बजरंग बलधारी

तेरी हनु टूटी जो बालक लागा वज्र मेरा

इस कारण हनुमान रखा मैं आज से नाम तेरा

हनु टूटने के कारण हनुमान कहाते है

पावन कथा सुनाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

नटखट चंचल ऐसे थे बालापन में हनुमान

बजरंगी की चंचलता से ऋषि मुनि थे हैरान

ऋषियों ने सोचा बालक में नहीं अच्छा अभिमान

श्राप दिया इस कारण इसका हो जाये कल्याण

होकर बड़ा करना है इसे राम प्रभु का कार

ऋषिवर बाबा बजरंग का यूं करते थे सत्कार

ठीक समय पर इसे जो शक्ति याद दिलाएगा

हम ऋषियों के श्राप से छुटकारा मिल जाएगा

ऋषि मुनि साधू संत इनकी जयकार लगाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

मातृ शिक्षा से राम चरित्र का पूरा ज्ञान मिला

बजरंगी को सब देवो से ही वरदान मिला

अंजनी माँ आदर्श चरित्र की कथा सुनाया करती

भक्त का और भगवान का अंतर उन्हें बताया करती

एक दिन अंजनी माता बोली जाओ मेरे लाला

सूर्य देव से शिक्षा लो ये है आदेश मेरा

माँ इच्छा को रख आँखों पर धरकर शक्तिमान

सूर्य देव से शिक्षा लेने जा पहुंचे हनुमान

सूर्यदेव से शिक्षा लेने बजरंगी जाते है

पावन कथा सुनाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

राम रूप में धरती पर विष्णु अवतार लिए

अवधपुरी में धूम मची जग पे उपकार किये

शिवशंकर बनके मदारी पहुंचे राजद्वार

साथ में एक वानर था जिसकी सुंदरता अपार

नाच देखने राम सहित आ पहुंचे चारो भाई

नाच नाच बजरंग ने अपने प्रभु को हंसी दिलाई

राम जी बोले हमसे चाहे कुछ भी लेलो मदारी

ये वानर देदो हमको ये है इच्छा हमारी

भक्त के संग भगवान ये कैसे खेल रचाते है

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है

हम कथा सुनाते हैं

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

हे ग्यानी गुण के निधान

जय महावीर हनुमान

15. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते है 

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण

तुम्हे श्री राम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

गए पवन सूत लाने संजीवन

अब तक क्यों नही आये

सेनापति सुग्रीव पुकारे

नर बानर घबराये

सब लोग भये सुनसान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

कभी तडपते कभी बिलखते

जीभर के प्रभु रोते

आये लखन तुम

अपनी माँ के हो इकलौते बेटे

यु रुदन करत है महान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

बीत गयी सब रैन

घडी रही ना एक पल भी बाकि

देख देख के राह तुम्हारी

बैरन अंखिया तांकि

कहि उदय ना हो जाये घात

तुम्हे श्री राम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

रात समय हनुमान संजीवन

ले सेना में आये झूमर लाली

धन्य बजरंगी लक्ष्मण प्राण बचाए

तब जाग उठे बलवान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण

तुम्हे श्री राम बुलाते है

आ लौट के आजा हनुमान

तुम्हे श्री राम बुलाते है

16. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – हमने दिल से नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान

कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान

हमने दिल से नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान।

लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान .

हमने दिल से नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान

कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान।

पवन पुत्र है पवन वेग से

इधर उधर वो रमते है

अंजनी लाल की लीला अपरम

राम राम बस जपते है

हमने श्रद्धा नही जगायी

कैसे आएंगे हनुमान

लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान

हमने दिल से नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान

कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान।

मैया सीता के है दुलारे

जग में पूजे जाते है

संकट मोचक नाम है उनका

हर दिल को वोह भाते है

हमने मन में नही बसाया

कैसे आयंगे हनुमान

लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान

हमने दिल से नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान

कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान।

लाल रोर के लाल रंग से

रंगे हमेशा रहते है

श्रद्धा के प्यासे हनुमत है

गदा साथ ले चलते है

अपना आंगन नही सजाया

कहाँ बैठेंगे हनुमान

लड्डू भोग नही लगाया क्या खायेंगे हनुमान

हमने दिल नही बुलाया कैसे आयेंगे हनुमान।

कैसे आएंगे हनुमान कैसे आएंगे हनुमान।।

17. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – अरे लंका वालों दशानन से कह दो 

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

हनुमान लंका जला के चला है,

चुराते हो सीता मैया को छल से,

समझलो तुम्हारी अपनी बला है,

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

हनुमान लंका जला के चला है।

उजाड़े हैं मैंने ये बाग सारे

संभल जाओ वर्मा जाओगे मारे

गदा से गिराए दानव हज़ारों

हनुमान ऐसा करके चला है,

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

हनुमान लंका जला के चला है।

ये सोने की लंका जला के चला हूँ

अंजाम तुमको बता के चला हूँ

सर पे खड़कती है रावण तुम्हारे

समझ लो खड़काने का समय आ गाया है,

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

हनुमान लंका जला के चला है।

अहंकार छोड़ो ना जीवन गँवाओ

बेवक्त अपनी जान ना गँवाओ

करेगा तुम्हें भी बर्बाद रावण

तुमको ये हनुमत बता के चला है

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

हनुमान लंका जला के चला है।

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

हनुमान लंका जला के चला है,

चुराते हो सीता मैया को छल से,

समझलो तुम्हारी अपनी बला है,

अरे लंका वालों, दशानन से कह दो,

हनुमान लंका जला के चला है।

18. श्री हनुमान भजन लिरिक्स – दुःख में बन्दे ना घबराना 

दुःख में बन्दे ना घबराना ना कर ऐसा वैसा

पढो हनुमान चालीसा पढो हनुमान चालीसा

जग में तेरा नाम बढेगा काम चलेगा ऐसा

पढो हनुमान चालीसा पढो हनुमान चालीसा

गणपत गुरु को ध्याले राम मनाले उसके बाद में हो

बल बुद्धि विध्या पाओ हनुमत के गुणगान से

संकट में तू ना घबराना मिल जायेगा रस्ता

पढो हनुमान चालीसा पढो हनुमान चालीसा

हनुमत की महिमा गो खुश हो जायेगी माँ जानकी

सीता जो खुश हो जाये किरपा करेंगे फिर राम जी

चरणों का तू ध्यान लगा क्यों मारा मारा फिरता

पढो हनुमान चालीसा पढो हनुमान चालीसा

फिकर तुझे फिर कैसी रावण सरीखे हैवान की

हर्ष मिलेगी तुझको कृपा दयालु हनुमान की

हनुमत की कृपा से यम का फंदा कटता

पढो हनुमान चालीसा पढो हनुमान चालीसा

दुःख में बन्दे ना घबराना ना कर ऐसा वैसा

पढो हनुमान चालीसा पढो हनुमान चालीसा

जग में तेरा नाम बढेगा काम चलेगा ऐसा

पढो हनुमान चालीसा पढो हनुमान चालीसा

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