Hanuman Chalisa Benefits: श्री हनुमान चालीसा पाठ के 31 अद्भुत फायदे

हनुमान चालीसा के पाठ से बल, बुद्धि, विद्या की प्राप्ति होती है, रोग, शोक, व्याधि, ग्रह दशा दूर होती हैं। आइए अब क्रमवार नज़र डालते हैं और जानते हैं कि आज के लेख में हम क्या क्या जानेंगे :-

  1. श्री हनुमान चालीसा क्या है, इसका क्या महत्व है ?
  2. श्री हनुमान चालीसा के फायदे व लाभ
  3. हनुमान चालीसा की इन पंक्तियों का मंत्र की तरह करेंगे जाप तो होगा लाभ ही लाभ
  4. श्री हनुमान चालीसा के फायदे – विडियो

1. श्री हनुमान चालीसा क्या है, इसका क्या महत्व है?

हनुमान चालीसा दोहा चौपाई से बनी काव्य रचना है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया है। हनुमान चालीसा के संपूर्ण रचना में 3 दोहे व 40 चौपाइयां हैं। दो दोहे शुरुआत में है उसके बाद 40 चौपाइयां हैं फिर एक दोहे अंतिम में है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने दोहे का प्रयोग स्तुति रूप में किया है।



श्री हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार हैं। हनुमान जी भगवान शिव की तरह भक्तों की छोटी सी कोशिश छोटी सी पूजा अर्चना से भी प्रसन्न हो जाते हैं और शीघ्र मनोकामना पूर्ण करते हैं।



हनुमान चालीसा श्री हनुमान जी की कृपा पाने का बहुत ही सरल एवं श्रेष्ठ माध्यम है। कोई भी संकट परेशानी विपत्ति आने पर हनुमान चालीसा का पाठ हमारे जीवन में एक अचूक उपाय के रूप में काम करता है।
हनुमान चालीसा क्या है? हनुमान चालीसा का पाठ कब करें? हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें, इसका पाठ विधि क्या है? क्या महिलाएं हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं? हनुमान चालीसा के पाठ से हानि कब होता है और क्यों होता है? इन सब बातों के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें

2. श्री हनुमान चालीसा के फायदे व लाभ

श्री हनुमान चालीसा का पाठ सभी वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। लेकिन हनुमान चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा भक्ति एवं एकाग्र मन से करना चाहिए तभी मनवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है। आइए श्री हनुमान चालीसा का पाठ सच्चे मन व पूर्ण श्रद्धा के साथ करने से होने वाले फायदे व लाभ के बारे में जानते हैं :-

1 बच्चों के लिए

श्री हनुमान चालीसा का पाठ शिशु या छोटे बच्चों के लिए भी बहुत ही उपयोगी साबित होता है। बच्चों को श्री हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य ही सुनानी चाहिए। इससे नींद में डरने चमकने झझकने का जो शिकायत होती है वह दूर होती है।

2. किशोरों के लिए

श्री हनुमान चालीसा का पाठ किशोरावस्था के बच्चों के लिए वरदान साबित होता है। इसके नियमित पाठ से उसे जो चाहिए वह सब मिलता है। बल बुद्धि विद्या साहस मानसिक संतुलन सब में हनुमान चालीसा के पाठ से लाभ प्राप्त होता है।

3. युवाओं के लिए

युवाओं को श्री हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करनी चाहिए। युवाओं में कोई नौकरी करता है, तो कोई अपना व्यवसाय चलाता है। कोई कंपिटिशन इक्जाम की तैयारी कर रहा होता है।



श्री हनुमान जी बल बुद्धि विद्या के दाता हैं। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से दिमाग शांत रहता है, काम में मन लगता है। कोई भी कठिन कार्य को करने में मन घबराता नहीं है। जब हौसला बुलंद रहता है, तो कोई भी कठिन कार्य कठिन नहीं लगता है।



इस तरह श्री हनुमान चालीसा के पाठ से नौकरी करने वालों को बहुत जल्दी प्रमोशन ( पदोन्नति ) प्राप्त होता है। जो अपना व्यवसाय चलाता है, उसे व्यवसाय में लाभ मिलता हैं। उनका व्यापार नई ऊंचाइयों को छुता है। जो कंपिटिशन इक्जाम की तैयारी में रहता है , उसे उसमें सक्सेस सफलता प्राप्त होती है।

4. बुजुर्गों के लिए

श्री हनुमान जी की पूजा व हनुमान चालीसा का पाठ बुजुर्गों के लिए रामबाण का काम करता है। सच्चे मन से विधिपूर्वक श्री हनुमान जी की पूजा व हनुमान चालीसा के पाठ से बुजुर्गों का जीवन सुखमय एवं आनंदमय बनता है।

वृद्धावस्था जीवन का ऐसा समय होता है, जहां वह सभी जिसे वह अपना कहता है, साथ छोड़ने लगता है। शरीर कमजोर होने लगता है। जराजन्य व्याधियां जकड़ने लगता है। सबसे ज्यादा दुखद बात तो यह है कि परिवार जिसे वह अपना मानकर उनके लिए क्या क्या नहीं किया, उन लोगों से भी उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। इन सब बातों से मनोबल गिरता है। वह टुटने लगता है।

श्री हनुमान जी की पूजा व हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति अपने इन दुखों एवं परेशानियाें को जीतने लगता है। दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे मनोबल ऊपर उठता है। श्री हनुमान जी ब्रह्मचारी एवं वैरागी है। इनके पूजा से व्यक्ति को जीने की कला आती है।



श्री राम और हनुमान जी की पूजा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। उसके बाद ध्यान में बैठकर ` ॐ हनुमंते नमः ‘ इस मंत्र का जाप श्वास क्रिया के साथ जोड़कर अनुलोम विलोम व कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। इससे जराजन्य व्याधियों दूर होती है।



5. विद्यार्थियो के लिए

श्री हनुमान जी ऐसे देव हैं जिनके पूजा आराधना और चालीसा पाठ से सभी वर्ग के लोगों को लाभ मिलता है। इसलिए श्री हनुमान चालीसा व हनुमान जी सबको प्रिय है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ विद्यार्थी वर्ग के लिए भी परम उपयोगी है। विद्यार्थियों के ऊपर अच्छे अंक लाने व कुछ बनने का बहुत दबाव रहता है।

सच्चे मन से श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से एकाग्रता आती है, याददाश्त तेज होता है, मनोबल बढ़ता है। विद्यार्थियों के लिए यह सभी अत्यंत आवश्यक है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से मन पर सकारात्मक सोच उत्पन्न होने लगता है। इससे विद्यार्थी अपना अध्ययन कार्य पूरी लगन के साथ करते हैं, जिससे अंक अच्छे आते हैं।

दोस्तों अभी हमने श्री हनुमान चालीसा के पाठ से किसको क्या फायदे व लाभ मिलता है यह जाना। आइए अब श्री हनुमान चालीसा के अन्य लाभों के बारे में जानते हैं :-

6. बौद्धिक विकास

दोस्तों अभी हमने ऊपर बताया कि हनुमान चालीसा का पाठ विद्यार्थियों के लिए कितना उपयोगी है। हनुमान चालीसा के पाठ से बौद्धिक विकास होता है। ऐसा नहीं है कि बौद्धिक विकास सिर्फ विद्यार्थियों का ही हो, हनुमान चालीसा के पाठ से सभी लोगों का मानसिक विकास होता है सब का बौद्धिक विकास होता है। हनुमान चालीसा के पाठ से दिमाग में उथल-पुथल शांत होता है, एकाग्रता आती है, याददाश्त तेज होता है। जब दिमाग शांत रहता है तो सोचने समझने की शक्ति भी आती है। बौद्धिक विकास के लिए शांत मन एवं शांत दिमाग का होना अत्यंत आवश्यक है।

7. सकारात्मक सोच उत्पन्न होता है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से दिमाग शांत रहता है और जब दिमाग मन शांत रहता है तब सकारात्मक सोच उत्पन्न होते हैं। सकारात्मक सोच मनुष्य को ऊपर उठने में आगे बढ़ने में मदद करता है। सकारात्मक सोच से ही तरक्की और विकास का रास्ता खुलता है।

8. नकारात्मक विचार नष्ट होते हैं

जब दिमाग और अपने विचार में सकारात्मक सोच उत्पन्न होने लगता है तो धीरे-धीरे नकारात्मक सोच अपने मन मस्तिष्क से बाहर होने लगता है। नकारात्मक सोच इंसान को आगे बढ़ने नहीं देता है। नकारात्मक सोच से सदा नुकसान ही होता है चाहे वह खुद कहो समाज का हो या परिवार का हो।

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से इंसान इतना परिपक्व बनता है कि वह सर्वदा सही फैसला ले सकता है।

10. व्यक्ति बलवान बनता है

श्री हनुमानजी बल बुद्धि विद्या के दाता हैं। श्री हनुमान जी अतुलित बल वाले हैं। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार का विकास होता है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही रूपों में सक्षम बनता है और बलवान बनता है।

11. व्यक्ति निर्भय बनता है

जब व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही तरह से मजबूत और परिपक्व रहेंगे तो फिर उन्हें डर किस बात का रहेगा। श्री हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से व्यक्ति साहसी और निर्भय बनता है। उनका सभी प्रकार का डर भय दूर होता है।

12. अनजाना भय मिटता है 

कभी-कभी हम देखते हैं मन में अकारण ही भय उत्पन्न होते रहता है। किसी भी कार्य में या कहीं भी आने-जाने में भय मालूम पड़ता है। किसी भी जगह अकेला जाना मुश्किल होता है। अंदर ही अंदर एक अजीब सा डर हमारे ऊपर हावी रहता है। वह क्या है। क्यों हम हर समय डरते रहते हैं, यह बात हमें मालूम ही नहीं होता है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से इस प्रकार की सभी समस्याएं समाप्त होती है।

13. क्लेश विवाद मिटता है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से घर में उत्पन्न हो रही क्लेश परिवारिक विवाद लड़ाई झगड़ा दूर होती है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से मानसिक विकास बौद्धिक विकास होता है। व्यक्ति अपने लिए नहीं सोचता अपनों के लिए सोचता है। जब घर के सभी सदस्य अपनों के लिए सोचेंगे तो फिर लड़ाई झगड़ा कहां से होगा। जैसे रामायण में राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न सभी भाइयों में जिस प्रकार का प्रेम था, उसी प्रकार का प्रेम व्यवहार एक दूसरे के प्रति बना रहता है।



14. शत्रु पर विजय प्राप्ति

श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति का कोई भी कुछ बिगाड़ नहीं सकता है। चाहे जितने भी शत्रु हो। कोई भी शत्रुता करें, हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले साधक का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से शत्रु पर विजय प्राप्त होता है, शत्रु का नाश होता है।



15. संकट या विपत्ति नाषक

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी प्रकार के संकट विपत्तियां परेशानियां दूर होती है। श्री हनुमान चालीसा की चौपाई में स्पष्ट लिखा है

संकट कटे मिटे सब पीरा। जो सुमिरे हनुमत बलबीरा।।

16. रोग व्याधि दूर होती है

जो साधक विधिपूर्वक पूर्ण श्रद्धा के साथ श्री हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसे किसी भी प्रकार का रोग व्याधि नहीं घेरता है। अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी या शारीरिक व्याधि से परेशान है, तो उन्हें उचित चिकित्सा के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य ही करनी चाहिए। श्री हनुमान चालीसा के प्रभाव से उनको रोग व्याधियों से अतिशीघ्र छुटकारा मिलेगा।

नासै रोग हरे सब पीरा।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

17. भूत प्रेत बाधा दूर होती है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी प्रकार की भूत प्रेत पिसाच की परेशानियां दूर होती हैं। श्री हनुमान जी का नाम लेने से भूत प्रेत भाग जाते हैं। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से कितना भी ताकतवर भूत प्रेत पिसाच क्यों ना हो, वह तुरंत भाग जाते हैं।

भूत पिशाच निकट नहीं आवे।

महावीर जब नाम सुनावे।।

18. बुरा स्वप्न दूर होती है

कई बार नींद में तरह-तरह की भयानक डरावना सपना आता है। जिससे हम ढंग से सो नहीं पाते हैं। छोटे बच्चे चमकने लगते हैं। बड़ों को भी तरह-तरह की सपने आती है। भूत प्रेत, मरा हुआ इंसान, नदी नाले इस प्रकार का या कोई मार रहा है इस प्रकार का अनेकों डरावना सपने आते हैं। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी प्रकार का डरावना सपना आना बंद हो जाती है। इसके लिए सोने से पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ करके सोना चाहिए।

19. ग्रह बाधा दूर होती है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी प्रकार की ग्रह बाधा दूर होती है शनि राहु केतु जितने भी बुरे ग्रह हैं जो लोगों को परेशान करते हैं इन सभी का बुरा प्रभाव से हमें बचाती हैं। एक समय सभी नवग्रह रावण के चंगुल में थे उनको श्री हनुमान जी ने वहां से बंधन मुक्त किए थे तब सभी नवग्रह उनको आशीर्वाद दिए थे कि हमारा कोई भी बुरा प्रभाव आपके भक्तों के ऊपर नहीं लगेगा। इस कारण से श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से कोई भी बुरा ग्रह का प्रभाव हनुमान भक्तों के ऊपर नहीं पड़ता है।

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से शनि का साढ़े साती व अढ़ैया शनि ग्रह बाधा दूर होती है। श्री हनुमान चालीसा के साधक के  ऊपर इसका कोई कुप्रभाव नहीं होता है।

20. ब्रम्हचर्य स्थापित करने में सहायक

श्री हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे। उनका श्री राम के प्रति भक्ति उच्च कोटि का भक्ति था। जो व्यक्ति ब्रह्मचारी हैं या ब्रह्मचारी बनना चाहते हैं, उन्हें श्री हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य ही करनी चाहिए। इससे श्री हनुमान जी की कृपा प्राप्त होता है और ब्रह्मचर्य पालन करने में उन्हें सरलता होती है।

21. बुरी संगत दूर होती है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति चरित्रवान बनता है। बुरी आदतें दूर होती है। जब व्यक्ति में चारित्रिक विकास होता है तो उसमें सही गलत को सोचने समझने की शक्ति आती है। वह सही और गलत का परख कर सकता है, और जब सही और गलत का परख करने लगता है तो बुरी संगति को भी छोड़ देता है।

22. आध्यात्मिक विकास

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति का सर्वोपरि विकास होता है। व्यक्ति की मन से ईर्ष्या द्वेष अहंकार क्रोध लोभ की भावना मिटती है। इसके पाठ से व्यक्ति में सात्विक प्रवृत्ति उत्पन्न होता है। जिससे उनका आध्यात्मिक विकास होता है। इसके नित्य प्रति पाठ से स्मरण शक्ति और बुद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही मनोबल बढ़ता है और आत्मिक बल की प्राप्ति होता है।

23. बंधनों से मुक्ति

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी प्रकार के बंधनों से छुटकारा प्राप्त होता है। बंधन आदतन हो चाहे किसी भी प्रकार का हो रोग शोक अहंकार लोभ काम क्रोध किसी भी प्रकार का बंधन हो उससे उस बंधन से छुटकारा मिलता है।

यह सत बार पाठ करें कोई।

छुटही बंदी महा सुख होई।।

24. पारिवारिक कलह दूर होती है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से घर परिवार में घर परिवार के सभी सदस्यों के बीच परस्पर प्रेम भावना की बढ़ोतरी होता है। परिवार में तनाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होता है, बल्कि एक दूसरे के प्रति परस्पर प्रेम भावना बढ़ते जाता है। इससे घर में किसी भी प्रकार का परिवारिक कलह उत्पन्न नहीं होता है।

25. बुराइयों से बचाती है

जैसा कि हमने ऊपर बताया श्री हनुमान चालीसा के पाठ से बल बुद्धि विद्या की प्राप्ति होती है। शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास होता है। इससे व्यक्ति में समझदारी बढ़ती है वह कुसंग एवं बुराइयों को अच्छे से समझ सकता है। इस समझदारी की वजह से वह खुद बुराइयों से बचता है।

26. व्यसन दूर होती है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी प्रकार के व्यसन का लत दूर होता है। व्यसन के कारण जो बेचैनी होता है उस बेचैनी से छुटकारा मिलता है। व्यक्ति खुद सुधरता है और दूसरों को भी सुधारता है।

27. आत्मविश्वास बढ़ता है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जैसा कि हमने ऊपर जाना इसके नियमित पाठ से शारीरिक मानसिक एवं अध्यात्मिक विकास होता है। व्यसन दूर होती है। इन सब बातों से मनोबल बढ़ता है, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।

28. जीवन में उत्साह उमंग आने लगता है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से जीवन में जोश उत्साह उमंग बना रहता है। व्यक्ति कोई भी कार्य उत्साह पूर्वक करता है। बिना थके बिना डरे वह अपने कार्य को करता है, जिससे उसे अपने कार्य में मनइच्छित सफलता प्राप्त होती है।

29. व्यक्ति दिर्घायु बनता है

श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले साधक दीर्घायु बनता है। उसे लंबी उम्र का वरदान मिलता है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से बल बुद्धि विद्या की प्राप्ति होता है। जीवन में उत्साह उमंग सदा बना रहता है। रोगों से मुक्ति मिलती है। वह निरोगी जीवन व्यतीत करता है।

30. मोक्ष प्राप्ति होती है

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से होने वाले फायदे और लाभ में सबसे बड़ी लाभ यह है कि श्री हनुमान चालीसा के पाठ से सभी प्रकार के सांसारिक सुख तो मिलता ही है साथ ही साथ मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।

31. नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है

हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। जिस घर में लड़ाई झगड़ा तनाव, कलह और रोग आदि की समस्या बनी रहती है, वहां पर यदि मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो, समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। हनुमान चालीसा के पाठ से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से निराशा और दुखों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी को बल और बुद्धि का दाता भी कहा जाता है। हनुमान जी की पूजा करने से हर प्रकार का भय मिट जाता है।

श्री हनुमान चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा भक्ति एवं एकाग्र मन से करना चाहिए तभी मनवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।

मित्रो श्री हनुमान चालीसा के कुछ चौपाईयों का इस्तेमाल मंत्रों के रूप में भी किया जाता है। वह कौन सा है, आइए जानते हैं 

3. हनुमान चालीसा की इन पंक्तियों का मंत्र की तरह करेंगे जाप तो होगा लाभ ही लाभ

क्या आप जानते हैं कि हनुमान चालीसा के कुछ चौपाईयों को मंत्र जाप के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं श्री हनुमान चालीसा के उन चौपाईयों के बारे में जिन्हें दिव्य मंत्र के रूप में देखा जाता है और इनके जाप से विभिन्न प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। वह कौन सा है आइए नीचे जानते हैं :-



बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।

इस पंक्ति का जाप उन बच्चों को करना चाहिए जिनका मन पढ़ाई में नहीं लगता हो।

इन पंक्तियों का जाप 11 बार 21 दिनों तक करने से मन में एकाग्रता आती है, पढ़ाई में मन लगता है।

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भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे।

जब भी भूत प्रेत की आशंका हो या कोई अनजाना भय से आत्मविश्वास डगमगाने लगे, तो इस चौपाई का पाठ करना चाहिए। जरुरत होने पर कभी भी, कहीं भी और पाठ के रूप में 27 बार इस चौपाई का जाप करना चाहिए।

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भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे।

यदि किसी कार्य में बाधा की आशंका हो तो इस चौपाई को 13 बार पढ़कर उस कार्य को प्रारंभ करना चाहिए।

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नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा।

यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से बीमार हैं तो दवा लेने से पहले 7 बार इन पंक्तियों को पढ़कर दवा लेने से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

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संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।

या

संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै

जिस भी व्यक्ति को अपने या परिवार के किसी सदस्य के प्राणों पर कोई संकट मंडराता नज़र आ रहा हो उसे इन दोनों पंक्तियों में किसी एक का जाप करना चाहिए।

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महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी

जिस घर में कोई बच्चा या कोई भी व्यक्ति किसी बुरी संगत में पड़ जाए तो ऐसे में इन पंक्ति का श्रद्घा विश्वास से जाप करें।

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जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई।

किसी भी तरह के बंधन से मुक्ति पाने के लिए इस पंक्ति का जाप करें।

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सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।

जब व्यक्ति का किसी डर से मनोबल गिरने लगे तो ऐसे में इस चौपाई का जाप करना चाहिए।

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और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।

मन की किसी सद्कामना को पूरा करने के लिए ऊपर दी गई पंक्ति का जाप करें।

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