Kali Mata ke Bhajan: श्री काली माता के 16 सबसे लोकप्रिय भजन हिंदी में

श्री काली माता देखने में जितना ज्यादा उग्र दिखते हैं, उससे कहीं ज्यादा वह ममतामई हैं। वह अपने भक्तों का हर कदम पर साथ देती हैं। मां को जो जैसे नजरिए से देखते हैं, मां भी उनके साथ वैसे ही व्यवहार करते हैं। आज के लेख में हम श्री काली माता के सबसे लोकप्रिय भजनों का लिरिक्स जानेंगे।

1. श्री काली माता के भजन – अजब किया श्रृंगार भवानी

( काली माता के भजन विडियो )

अजब किया श्रृंगार भवानी अजब लिया अवतार,

काली कंकाली कलकते वाली माँ ….

मुंड माल गले डाल भवानी हाथ लिए है भुजाली,

हाहाकार मची असुरो में आ गई मईया काली,

हुआ न ऐसा और न होगा दुनिया में अवतार,

काली कंकाली कलकत्ते वाली माँ ….

रकत बीज के रकत से माता अपनी प्यासी बुजाती,

शुंभ निशुंब कटब जैसे दानव मार गिराती

मुंड काट असुरो का मईया पीये रकत की धार,

काली कंकाली कलकते वाली माँ ….

काल भी गबराया है तुम से जय माता काली,

रन भूमि में कोई नही माँ तुम सा शक्तिशाली,

नमन हो तुम को मात भवानी जय हो बारम बार,

काली कंकाली कलकते वाली माँ ।

2. श्री काली माता के भजन – जय दक्षिणेश्वर काली माँ

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

जय जय महाशक्ति शाली

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

जय जय महाशक्ति शाली

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

मधु और केझाव नाशनी माता

सब सुख डाई भव भय जाता

मधु और केझाव नाशनी माता

सब सुख डाई भव भय जाता

सुम्भ हरिणी खडग धारिणी

महा मोहनी जग विधता

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

जय जय महाशक्ति शाली

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

शनवार ुधा समशान वासिनी

घोर घोर घोर घरजनी

शनवार ुधा समशान वासिनी

घोर घोर घोर घरजनी

दिगम्बरी रक्त चढे देवि

लहें जिह्वा तू स्वयं भवानी

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

जय जय महाशक्ति शाली

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

कृषणा वार्ना कंकाली

दक्षिण माइयाँ बहु भुजधारी

कृषणा वार्ना कंकाली

दक्षिण माइयाँ बहु भुजधारी

दुःख भंजनि जगत वन्दनी

काल रूप काल करारी

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

जय जय महाशक्ति शाली

मंगल करणी अमङ्गल हरनि

रक्ष रक्ष म खप्पर वाली

ॐ जय दक्षिणेश्वरी काली

जय दक्षिणेश्वरी काली

जय दक्षिणेश्वरी काली

जय दक्षिणेश्वरी काली

जय दक्षिणेश्वरी काली.

3. श्री काली माता के भजन – रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

काले अस्त्र काले शास्त्र

मुंडमाल गल डाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली…

जय काली जय काली महमकाली माँ

जय काली जय काली महमकाली माँ

महिषासुर ने क्रोध बढ़ाया

उठी देवता सबको डराया

सेना ले कर लड़ने आया

माँ ने दृष्टि डाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली …..

काले अस्त्र काले शास्त्र

मुंडमाल गल डाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली…

जय काली जय काली महमकाली माँ

जय काली जय काली महमकाली माँ

योगिनियों ने शोर मचाया

भैरों ने खपर भरवाया

तीन वाण त्रिशूल गदा से

कोई बचा ना खाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली ….

काले अस्त्र काले शास्त्र

मुंडमाल गल डाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली…

जय काली जय काली महमकाली माँ

जय काली जय काली महमकाली माँ

मखीरा पी के माँ पे झपटा

मास सिंह के आ के रपटा

पूंछ घुमा के शेर ने पटका

बकने लगा वो गाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली …

काले अस्त्र काले शास्त्र

मुंडमाल गल डाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली…

जय काली जय काली महमकाली माँ

जय काली जय काली महमकाली माँ

नही रुकी त्रिशूल की माया

योधन माँ ने गिराया

शरमा के फिर उठ नही पाया

देव बजावे ताली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली ….

काले अस्त्र काले शास्त्र

मुंडमाल गल डाली

रण में कूद पड़ी महाकाली

रण में कूद पड़ी महाकाली…

जय काली जय काली महमकाली माँ

जय काली जय काली महमकाली माँ

4.  श्री काली माता के भजन – जय काली जय काली काली

काली तारा सोडसी पवनेश्वरी

भारवि चिन नमस्ते धूवती बौना

मातंगी कमला माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

दे माँ हमें शक्ति का दान दे

दे माँ हमें भक्ति का दान दे

जीवन में हम न किसी से डरे

दे माँ हमें ऐसा वरदान दे

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

हो माँ हो माँ हो माँ

अन्याय हम न किसी का सही

अन्याय हम न किसी पर करे

अन्याय हम न किसी का सही

अन्याय हम न किसी पर करे

हर जुल्म का सामना हम करे

जुल्म ओ सितम से कभी न डरे

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

हो माँ माँ हो माँ

आन्ह्को में बस तेरी सूरत रहे

मन में बसी तेरी मूरत रहे

आन्ह्को में बस तेरी सूरत रहे

मन में बसी तेरी मूरत रहे

हर पल तेरे गीत गाते रहे

पूजा के दीपक जलाते रहे

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

हो माँ हो माँ हो माँ

जिस मन की जैसी रहे भावना

वैसा वो देखे तेरा रूप माँ

जिस मन की जैसी रहे भावना

वैसा वो देखे तेरा रूप माँ

जिस रूप की भाकर पूजा करे

उस रूप से सभी बख़्त डारे

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

दे माँ हमें शक्ति का दान दे

दे माँ हमें भक्ति का दान दे

जीवन में हम न किसी से डरे

दे माँ हमें ऐसा वरदान दे

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

हो माँ हो माँ हो माँ

चाँद मुण्ड को तूने था मेरा

महिषासुर भी तुझसे हरा

महिषासुर भी तुझसे हरा

शुंभ निशुंभ का विनाश किया माँ

रक्त बीज का रक्त पिया माँ

रक्त बीज का रक्त पिया माँ

मधु कैटभ वध करने वाली

देवो का दुःख हरने वाली

महाकाल का कल तू माता

तू भक्तों की जीवन दाता

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

हो माँ माँ हो माँ हो मामा

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ

जय काली जय काली जय काली माँ

जय शक्ति शाली जय महाकाली माँ.

5. श्री काली माता के भजन – जय काली कलकत्ते वाली

जय काली जय काली जय काली जय काली

जय काली जय काली काली

जय काली कलकते वाली जय काली

वार तेरा न जाये खाली जय काली जय काली काली।

गल मुंडा दी माला जचदी ,

कटे भुज्जावा दा लहंगा पा के नचदी,

भरीया रक्त नाल खप्पर खाली जय काली जय काली काली।

जय काली कलकते वाली जय काली।

जय काली कलकते वाली जय काली॥

जदो रूप हो जावे चंडी,

फिर दुष्टां दी वज जावे तुम्बी,

नेना दे विच भेरा दी लाली जय काली जय काली काली।

जय काली कलकते वाली जय काली।

जय काली कलकते वाली जय काली॥

शुम्भ निस्शुम नु मार डाली माँ

अपने भगता नु पार निकाली माँ

सो सो शेरा तो वध बलशाली जय काली जय काली काली।

जय काली कलकते वाली जय काली।

जय काली कलकते वाली जय काली॥

दुर्गे रूप च त्रिशूल साजे

काली च खड़ खड खडग वाजे

शिव भगतां नु भक्षण वाली जय काली जय काली काली।

जय काली कलकते वाली जय काली।

जय काली कलकते वाली जय काली॥

6. श्री काली माता के भजन – न माने न माने रे माता महा काली

न माने न माने रे

ये माता महा काली

माता महा काली

न माने न माने रे

ये माता महा काली

माता महा काली

छिटकाये लत काली काली

लंबे लंबे कदम बढ़ ली

खून से खप्पर को कहर डाली

न माने न माने रे

ये माता महा काली

माता महा काली

एक हाथ में खडग लिए माँ

दूजे हाथ में है तलवार

रक्त बीज के शीश काट ली

चंडी करती वार पे वार

चंडी करती वार पे वार

एक बूँद न गिरी जम्में पर

खून दुष्टों का पी डाली

न माने न माने रे

ये माता महा काली

माता महा काली ….

आँखों से चिंगारी छोड़े

मुख से माँ छोड़े ज्वाला

मुख से माँ छोड़े ज्वाला

क्रोध भयंकर है काली का

दूर हाते आने वाला

दूर हाते आने वाला

सुनो युद्ध की इस भूमि पर

खून से वहहयी है लाली

न माने न माने रे

ये माता महा काली

माता महा काली ….

शांत हुई न रद चंडी

जब मैच हुआ था हाहाकार

तब काली का क्रोध मिटने

आये निरंजन शिव त्रिपुरारि

पाँव पड़ा जब शिव जी के ऊपर

जीभ चंडिका ने निकली

न माने न माने रे

ये माता महा काली

माता महा काली ….….

न माने न माने रे

ये माता महा काली

माता महा काली ….…

7. श्री काली माता के भजन – कालो की काल महाकाली

कालो की काल महाकाली

भवानी माई कलकत्ता वाली

कलकत्ता वाली भवानी माई काली

महिमा तुम्हारी निराली

भवानी माई कलकत्ता वाली

हे अंगारों जैसे नयन लाल लाल

अधरों की लाली गले मुंड माल

जा लम्बी जीभ न काली

भवानी माई कलकत्ता वाली

आगे है हनुमत जी झंडा संभाले

पीछे कुबेर संग भैरव मतवाले

अरे बिच में विकराल रूप वाली

भवानी माई कलकत्ता वाली

दानव दलन करे दुष्टों को मारे

काली की शक्ति जगत जन के तारे

अरे हाथो में भारी भुजाली

भवानी माई कलकत्ता वाली

काली की शक्ति को जिसने भी जाना

मौनी दीवाना हुआ उसका जमाना

दुष्टों से जगत करो खाली

भवानी माई कलकत्ता वाली

8. श्री काली माता के भजन – काली चला रही तलवार

काली चला रहीं तलवार

काली चला रहीं तलवार

चन्ड मुन्ड पकड़ पकड़ के मारे

जब काली रणभूमि में आई

वो कर रही असूरो का नाश

चंड मुंड पकड़ पकड़ के मारे

जब काली कलकत्ते में आई

उनके चरणों में लेटे भोले नाथ

चंड मुंड पकड़ पकड़ के मारे

जब भोले पैरों में पड़ गए काली का हो गया गुस्सा शांत

चंड मुंड पकड़ पकड़ के मारे

जब काली किर्तन में आई

भगतो काली कर दिया बेड़ा पार चंड मुंड पकड़ पकड़ के मारे

9. श्री काली माता के भजन – काली नचे नवरात्रे में

जय माँ जय माँ जय माँ

काली नचे नवरात्रे में

धरती पे नाचे अंबर पे नचे

काली नचे नवरात्रे में

तन पे छल लाते सिंह की

आँखों में माँ की ज्वाला है

तन खून से जीवन निकले

गले में मुंडो की माला है

उठा लिया है त्रिशूल हाथ में

भैरव को लालकरे रे

काली नचे नवरात्रे में

धरती पे नाचे अंबर पे नचे

काली नचे नवरात्रे में

नाग पे नचे माँ कलि

आये पे नचे माँ कलि

फूल पे नचे माँ कलि

शूल पे नचे माँ कलि

जल पे नचे माँ कलि

थल पे नचे माँ कलि

नभ पे नचे माँ कलि

सबसे नचे मां कलि

रक्त पीव काली मैया

रक्त बीज को मारे रे

चारो दिशाये नचे घूमे

थार थार धरती कापे रे

तीनो लोक के वेद है लग गए

मां काली को मनने में

काली नचे नवरात्रे में

सूर असुर दानव सब भागे

माँ काली के रूप के आगे रे

टिक ना पाए मां काली के उम्र

महिमा अप्रम पर है माँ की

पद्म गए जमाने में

काली नचे नवरात्रे में

धरती पे नाचे अंबर पे नचे

नचे काली नवरात्रे में

काली नचे नवरात्रे में

10. श्री काली माता के भजन – छम छम नाच रही माँ काली

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

छम-छम छम-छम काली चली,

कालो की काल महाकाली चली,

दुष्टो का करने संघार, माँ चली,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

जब जब काली रण में चले,

दुष्टो की सेना में हड़कम मचे,

मारे काटे दांतो से पीसे,

लाल लाल जिव्हा से खून बहे,

काट काट मुंडो के ढेर लगे,

पापी संघारे न ढेर लगे,

पल में लाल धरा को, कर चली,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

चण्ड को मारे मुंड को मारे,

महिषा सुर को पकड़ पछाड़े,

मधु के डप का नाश करे माँ,

शुंभ निशुंभ को भी निशारे,

आधी शक्ति शिव दूती तुम्ही,

शिव भोले की भक्ति तुम्ही,

सौ सौ हाथो वाली माँ चली,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

तंत्र को काटे मंतर को काटे,

भूत प्रेत को दूर भगाये ,

लहू की प्याली भर भर पीती,

पकड़ के गर्दन काट के लाये,.

कोई प्रचंड माँ तुमसे नहीं,

कोई अखंड माँ तुमसे नहीं,

दुस्ट वि तारण माँ चली,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

महा काली का रूप भयंकर,

थर थर कांपे है धरती गगन,

तीनो ही लोक गाते है महिमा,

सुर नर मुनि सब करे सुमिरन,

चरणों में देव महादेव पड़े,

हाथो को जोड़ जोड़ सारे खड़े,

दीपक कैसी मच गई खलबली ,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ,

जय जय काली माँ, जय जय काली माँ

11. श्री काली माता के भजन – आ गई मां भवानी रे

अस्त भुजी अम्बे जगदम्बे

मैया शेरावाली रे

आ गई मां भवानी रे

अस्त भुजी अम्बे जगदम्बे

मैया शेरावाली रे

आ गई मां भवानी रे

हर विपदा संकट से कार्तिक

भक्तों की रखवाली रे

मैया महाकाली रे

आ गई मां भवानी रे

एक हाथ में गड़ा विराजे

दोजे में तलवार

दोजे में तलवार भवानी

दोजे में तलवार

दानव दल को कटां वली

मैया शेरावाली रे

आ गई मां भवानी रे

मैया महाकाली रे

तीजे हाथ त्रिशूल विराजे

चौथे में कृपाण

चौथे में कृपाण भवानी

चौथे में कृपाण

भक्तो को मां तरण वली

माँ शेरावाली रे

आगयी मां भवानी रे

मैया महाकाली रे

आ गई मां भवानी रे

पाछवे हाथ में शंख विराजे

छटे चक्र की शान

छटे चक्र की शान भवानी

छटे चक्र की शान

दुश्मनो को मां मारने वाली मां

मैया शेरावाली रे

आगयी मां भवानी रे

मैया महाकाली रे

आ गई मां भवानी रे

सातवे हाथ में फूल विराजे

आष्ट समय वरदान

आष्ट समय वरदान भवानी

आष्ट समय वरदान

योगी को मां पालने वाले

मैया शेरवाली रे

आगयी मां भवानी रे

मैया महाकाली रे

आ गई मां भवानी रे

हर विपदा संकट से कार्तिक

भक्तों की रखवाली रे

मैया महाकाली रे

आ गई मां भवानी रे

मैया कनकली रे

मैया महरवाली रे

मैया चंडी रानी रे

मैया पावागढ़ वाली रे

मैया सल्कनपुर वाली रे

आ गई मां भवानी रे

12. काली माता के भजन – काली काली रे मोरी माता

काली काली रे मोरी माता कालका,

माता कालका माता कालका ,

कलकाते की काली मैया,

काली मैया काली मैया,

जग में जाहिर नाम माई रे,

काली काली रे मोरी माता कालका,

मइहर में बैठी माता शरधा माता शरधा ,

देती सुर और ज्ञान माई रे,

काली काली रे मोरी माता कालका,

देवर में बैठी त्रिपुर सुंदरी,

तीनो रूप दिखाए माई रे,

काली काली रे मोरी माता कालका,

काली मटकी मैया काली,

सोभा मठ की बढ़ाये माई रे,

काली काली रे मोरी माता कालका,

पांच भगत मैया यश तोरे गाये,

दयो आशीष मनाये माई रे,

काली काली रे मोरी माता कालका

13. काली माता के भजन – आज मन्दिर में नाच रही काली

आज मन्दिर में नाच रही काली

बजाओ सब मिलकर के ताली-2

मैया के मन्दिर में बह्मा जी आये-2

बह्मा जी आये संग बह्माणी को लाये-2

बह्माणी नाचे दे दे ताली-2

कि नाच रही माँ काली

आज मन्दिर में नाच रही काली

बजाओ सब मिलकर के ताली-2

मैया के मन्दिर में शंकर जी आये-2

शंकर जी आये संग गौरा जी को लाये-2

गौरा नाच रही दे दे ताली

कि नाच रही माँ काली-2

आज मन्दिर में नाच रही काली

कि नाच रही माँ काली-2

मैया के मन्दिर में राम जी आये-2

राम जी आये संग सीता जी को लाये-2

सीता नाच रही दे दे ताली

कि नाच रही माँ काली-2

आज मन्दिर में नाच रही काली

बजाओ सब मिलकर के ताली-2

मैया के मन्दिर में कृष्णा जी आये-2

कृष्ण जी आये संग राधा जी को लाये-2

राधा नाच रही दे दे के ताली

कि नाच रही माँ काली-2

आज मन्दिर में नाच रही काली

बजाओ सब मिलकर के ताली-2

14. काली माता के भजन – काली खप्पर वाली मैया

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

है गले में मुंडों की माला, रूप ये विकराल है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

काली है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

जय माँ काली, जय माँ काली, जय माँ काली,

जादू टोना ना चले,

जादू टोना ना चले,ना चलती कोई चाल है,

जिसकी बैरी काली माई, उसकी ना कोई ढाल है,

जादू टोना ना चले,ना चलती कोई चाल है,

काल की देवी है काली,

काल की देवी है काली, रोज करती कमाल है,

काली है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

जय माँ काली, जय माँ काली, जय माँ काली,

धरती अंबर डौल जाएँ,

धरती अंबर डौल जाएँ, रूप जब काली धरे,

पाप जो धरती पे छायें, काली माँ उनको हरे,

धरती अंबर डौल जाएँ, रूप जब काली धरे,

काली माँ भक्तों को प्यारी,

काली माँ भक्तों को प्यारी,करती सबको निहाल है,

काली है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

जय माँ काली, जय माँ काली, जय माँ काली,

आँखों में है लालिमा,

आँखों में है लालिमा, कैसी गजब की शान है,

काली माँ को जो ना पूजे, कौन वो इंसान है,

आँखों में है लालिमा, कैसी गजब की शान है,

अपने भक्तों को है करती,

अपने भक्तों को है करती, काली मालामाल है,

काली है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

काली खप्पर वाली मैया, दुश्मनों का काल है,

जय माँ काली, जय माँ काली, जय माँ काली,

15. श्री काली माता के भजन – माँ काली से सच्ची प्रीत लगा के देख ले

माँ काली से सच्ची प्रीत लगा के देख ले,

तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,

शुभ निशमन मारन वाली आ रक्त बीज संगारन वाली आ,

तेरा भरम हो जाएगा दूर तू आजमा के देख ले,

तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,

कोई कहता इसने माँ काली,

कोई कहंता दुर्गा में वाली,

जिसे नाम भुलावे आवे तू भुला के देख ले,

तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,

तेरा शनिवार ने चाइये क्यों,

पान पेड़े का भोग लाइए क्यों,

तेरी ईशा पूरी हो जाये अर्जी ला के देख ले,

तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,

कहंदा करशिमा सच्ची साथी आ,

भगता की बने हिमाती आ,

मीनू के तू बंधन आज बना के देख ले,

तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले।

16. श्री काली माता के भजन – पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

पंखिड़ा तु उड़ ने जाना पावागढ़ रे

महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे

म्हारी महाकाली से जईने कीजो गरबो रमे रे

म्हारा गाँव का सुतार भाई बेगा आवो रे

म्हारी महाकाली केलिये सुंदर बाजोट लाओ रे

अच्छा लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

म्हारा गाँव का बजाज भाई जल्दी आवो रे

म्हारी महाकाली के लिये सुंदर चुँदडी लाओ रे

अच्छी लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

म्हारा गाँव का लीलहार भाई बेगा आवो रे

म्हारी महाकाली केलिये सुंदर चुड़िया लाओ रे

अच्छी लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

म्हारा गाँव का सुनार भाई जल्दी आवो रे

म्हारी महाकाली के लिये सुंदर पायल लाओ रे

अच्छी लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

म्हारा गाँव का कुम्हार भाई बेगा आवो रे

म्हारी महाकाली के लिये सुंदर गरबा लाओ रे

अच्छा लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे

महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा

पंखिड़ा तु उड़ ने जाना पावागढ़ रे

महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे

म्हारी महाकाली से जईने कीजो गरबो रमे रे

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा।

-: श्री काली माता की भजन समाप्त :-

 

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