Nakoda Bhairav Chalisa Stuti

श्री नाकोड़ा भैरव जी की चालीसा पाठ व स्तुति। आइए श्री नाकोड़ा भैरव जी की आराधना, चालीसा पाठ व स्तुति से करते हैं। आइए जानते हैं आज के लेख में हम क्या क्या जानेंगे :-

1. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा

2. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा MP3 Song 

3. श्री नाकोड़ा भैरव जी की स्तुति

4. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा English में

1. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा

 

।। दोहा ।।

पार्श्वनाथ भगवान की, मूरत चित् बसाए।

भैरव चालीसा लिखू, गाता मन हरसाए।।

।। चौपाई ।।

श्री नाकोडा भैरव सुखकारी।

गूं गाती है दुनिया सारी।।1।।

भैरव की महिमा अति भारी।

भैरव का नाम जपे नर नारी।।2।।

जिनवर के है आज्ञाकारी।

श्रद्धा रखते संकित धारी।।3।।

प्रात: उठे जो भेरू ध्याता।

रिद्धि सिद्धि सब सम्पद पाता।।4।।

भेरू नाम जपे जो कोई।

उस घर मैं नित् मंगल होई।।5।।

नाकोडा लाखो नर आवे।

श्रद्धा से प्रसाद चडावे।।6।।

भैरव भैरव आन पुकारे।

भक्तो के सब कष्ठ निवारे।।7।।

भैरव दर्शन शक्तिशाली।

दर से कोई न जावे खाली।।8।।

जो नर निथ उठ तुमको ध्यावे।

भूत पास आने नहीं पावे।।9।।

डाकन छु मंतर होजावे।

दुष्ट देव आडे नहीं आवे।।10।।

मारवाड की दिव्य मणि है।

हम सब के तो आप धनि है।।11।।

कल्पतरु है पर्तिख भेरू।

इच्छित देता सब को भेरू।।12।।

अधि व्याधि सब दोष मिटावे।

सुमिरत भेरू शांति पावे।।13।।

बाहर पर्देसे जावे नर।

नाम मंत्र भेरू का लेकर।।14।।

चोगडिया दूषण मिट जावे।

काल राहू सब नाठा जावे ।।15।।

परदेशो मैं नाम कमावे,

मन वांछित धन सम्पद पावे।। 16।।

तन मैं साथा मन मैं साथा।

जो भेरू को नित्य मनाता।।17।।

डूंगर वासी काला भैरव।

सुख कारक है गोरा भैरव।।18।।

जो नर भक्ति से गुण गावें।

दिव्य रत्न सुख मंगल पावे।।19।।

श्रद्धा से जो शीश झुकावे।

भेरू अमृत रस बरसावे।।20।।

मिलजुल सब नर फेरे माला।

पीते सब अमृत का प्याला।।21।।

मेघ झरे जो झरते निर्झर।

खुशाली चावे धरती पर।।22।।

अन्न सम्पदा भर भर पावे।

चारो और सुकाल बनावे।।23।।

भेरू है सचा रखवाला।

दुश्मन मित्र बनाने वाला।।24।।

देश देश मैं भेरू गांजे।

खूंट खूंट मैं डंका बाजे।।25।।

है नहीं अपना जिनके कोई।

भेरू सहायक उनके होई।।26।।

नाभि केंद्रे से तुम्हे बुलावे।

भेरू झट पट दौड़े आवे ।।27।।

भूके नर की भूक मिटावे।

प्यासे नर को निर् पिलावे।।28।।

इधर उधर अब नहीं भटकना।

भेरू के नित पाँव पकड़ना।।29।।

वंचित सम्पद आन मिलेगी।

सुख की कालिया नित्य खिलेगी।।30।।

भेरू गन खरतर के देवा।

सेवा से पाते नर मेवा।।31।।

किर्तिरत्न की आज्ञा पाते।

हुक्म हाजिरी सदा बजाते।।32।।

ओं ह्रीं भैरव बम बम भैरव।

कष्ट निवारक भोला भैरव।।33।।

नैन मुंध धुन रात लगावे।

सपने मैं वो दर्शन पावे।।34।।

प्रश्नो के उत्तर झट मिलते।

रास्ते के कनकट सब मिटते।।35।।

नाकोडा भेरू नित् ध्यावो।

संकट मेटों मंगल पावो।।36।।

भेरू जपंता मालन माला।

बुझ जाती दुखो की ज्वाला।।37।।

निथ उठ जो चालीसा गावे।

धन सुत से घर स्वर्ग बनावे।।38।।

।। दोहा ।।

भेरू चालीसा पढ़े, मन मैं श्रधा धार।

कष्ट कटे महिमा बढे, सम्पद होत अपार ।। 1 ।।

जिन कांति सूरी गुरु राज के, शिष्य मणिप्रभराय।

भैरव के सानिध्य मैं,  यह चालीसा गाये ।। 2 ।।

 

2. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा MP3 Song Download

श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा पाठ का MP3 Song सुनने व डाउनलोड करने के लिए नीचे क्लिक करें :-

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3. श्री नाकोड़ा भैरव स्तुति

श्री संखेश्वर के दर्शन कर पुजू गोडीजी पाय !

श्री नाकोडा से नवनिधि मिले दर्शन से दुःख जाये !! 1 !!

श्री नाकोडा भैरव सुखदायक सुमरू तारु नाम !

जीवन सुखी कर्जो आप सिद्धि समृधि ना नाम !! 2 !!

अनेक मुसीबतों से लिप्त आया हूँ तेरे दर !

बगैर सहारा लिए नहीं जा सकता अपने घर !! 3 !!

तेरा सहारा जिसने हर काम मैं ले लिया है !

उसका जीवन अनेक संकटों से दूर हो गया है !! 4 !!

देव नित्य मांगता हु भीख तेरे दिव्य दर्शनों की !

एक बार तू दिखादे सूरत तेरे भव्य मुखड़े की !! 5 !!

तेरे पास आने पर हर मुसीबत भाग जाती है !

तेरे द्वार चड़ने पर हर राह नज़र आती है !! 6 !!

नाकोडा भैरव का जिस घर मैं नाम लिया जाता है !

सवेरे उठते ही उसका हर काम बन जाता है !! 7 !!

जिस घर मैं नहीं हो पाती काफी समय से संतान !

आपकी भक्ति के प्रभाव से उसे हो जता है गर्भाधान !! 8 !!

जो रोगी बहुत दिनों से भोगता है अदिख दुःख !

तेरे दर्शन करने से मिल जावे सर्व सुख !! 9 !!

असाध्य रोगियों ने भी तेरे दरबार मैं सुख को पाया है !

दुखियो के दुःख हरने मैं तू सबके सही आया है !! 10 !!

दुखी जिंदगियो मैं सुख भरने के लिए तू है प्रसिद्ध !

तेरु मानता से सभी जीव बन जाते है पुरे समृद्ध !! 11 !!

तेरे पांवो मैं पड जाने से सभी पाप दूर हो जाते है !

तेरे दिव्य प्रभाव से अनेक कष्ट भाग जाते है !! 12 !!

तू जैसा दयालु रहता है अपने सभी भक्तो पर !

वैसे ही दया रखना भैरवनाथ मुझ यतीम पर !! 13 !!

तू अखंड भक्ति का है वृहत परोपकारी भंडार !

अपने हज़ारो भक्तो से करता है एक सा प्यार !! 14 !!

अपने सभी भक्तो पर तू करता एकसी नज़र !

हर भक्त पर तेरा चेहरा करता है पूरा असर !! 15 !!

तेरी सुकृपा से उसका हो जाये जल्दी बेडा पार !

तेरी शुभ द्रुष्टि से दरिद्र भी हो जाता है साहूकार !! 16 !!

हर दुःख को काटने मैं तू देव है पूरा समर्थ !

तेरे चरणों मैं आकर भक्त साधता है स्वार्थ !! 17 !!

तेरा नाम सुनकर दुखी जन भी सुखी हो जावे !

तेरे कदमो मैं गिरने से मेरे मनोरथ पूर्ण हो जावे !! 18 !!

जिसका मनोबल आपके प्रति है बहुत मजबूत !

उसका शत्रु पक्ष भी क्या बिगाड़ सकता है हुजुर !! 19 !!

हुजुर आप है नाकोडा तीर्थ के रक्षक !

हर यात्री आपके दरबार मैं होता है नत मस्तक !! 20 !!

आप जैसे दयालु के संपूर्ण सानिध्य मैं आकर !

हर जिव सुखी हो जाता है आपके दर्शन पाकर !! 21 !!

नाकोडा तीर्थ भूमि पर जो एक बार आ जाता है !

अनेक विपदाओं से वह भय मुक्त हो जाता है !! 22 !!

वार्षिक मेले मैं जो आपके करता है प्रभु दर्शन !

उसका घर संसार बन जाता है सुख का दर्शन !! 23 !!

जो सुन्दर भोग लगाता है आपको शादी विवाह पर !

उसके अनेक दुःख दूर हो जाते है राह पर !! 24 !!

गर्भधान की इच्छा से जो करता है आपके दर्शन !

उसी वर्ष उसे मिल जाता है सुभाशिर्वाद वचन !! 25 !!

हर निराशावादी को आशा दिखाई देती है आपमें !

क्या ही अच्छा हो जाए आप दिखाई दे प्रत्यक्ष मैं !! 26 !!

धन हिन् हो मिलता है द्रव्य आपके ही प्रभाव से !

आपार संपत्ति को प्राप्त करता है आपके ही प्यार से !! 27 !!

हर भक्त के आप दयालु से रहते है मालिक !

ऐसा स्नेह किसी अन्य से नहीं मिल सकता मालिक !! 28 !!

राजा से लेकर रंक तक होता है दर्शन का इच्छुक !

आपके सुन्दर मुखड़े को देखकर सुख हो जाता भावुक !! 29 !!

जब से ही हम तेरे निकट आये है प्रति पालक !

अन्य दर्शनी भी तेरे चमत्कार को विरादते मालक !! 30 !!

सभी वर्ग के धर्म को लगा रहता है जमघट !

प्रसन्न हो कर जाते है तेरे द्वार से हर वक़्त !! 31 !!

जो आनंद नाकोडा भैरव हम तेरे मैं पाते है !

अन्य किसी देव मैं नहीं मिलता जहा भी हम जाते है !! 32 !!

धैर्य प्रसन्नता और मुस्कराहट वाला चेहरा !

देखकर झूम उठता है हर भक्त को चेहरा !! 33 !!

आनंद विभोर होकर आते है तेरे दर्शन को !

सुख और समृधि दिलाओ देव अपने सभी भक्तो को !! 34 !!

आनंद छा गया है आज तेरे सुप्रसिद्ध नाम का !

हर घर मैं उजाला छा गया है तेरे दिव्य प्रकाश का !! 35 !!

तेरी उज्जवल ज्योति का हम करते है प्रेम से दर्शन !

देव दिला दो हमें अपने बाकी रहे मनोरथ फल !! 36 !!

व्यापार मेरा सदा एक सा बना रहे हर दम !

इसी आशा से झुकते है आपके चरणों मैं हम !! 37 !!

हर व्यापार ऊँचा उठे और कमाई भी देवे खूब !

मैं आपकी सेवा मैं रहू और धन कमाऊ अखूट !! 38 !!

सदा आपका स्मरण एक सा करू गरीब नवाज़ !

अन्य हज़ारो को भी बता दू आपके दर्शन का रिवाज !! 39 !!

हजारो अनाथ सनाथ बन गए करीब आने से !

दुखियो के दर्द मिट जाते है आपके खुला द्वार पाने से !! 40 !!

श्री नाकोडा तीर्थ की मरुभूमि कितनी है सुपवित्र !

जहा हज़ारो यात्री आपकी भक्ति मैं बजाते है वाजित्र !! 41 !!

कितनी ही विपदाओ से घिरा हुआ क्यों न हो आये द्वार !

सबको एक सा मिलता है वहा आपका प्यार !! 42 !!

जिस धरती पर मैंने आपके दर्शन को पाया है !

उसी धरती पर लाखो ने अपने दुखो को भुलाया है !! 43 !!

सदा आपका देखा गया है एक सा चमत्कार !

आकर्षित करता है भक्तो को आपके मुखड़े का पार !! 44 !!

आपके दर्शन करके अपने आपको धन्य मानूंगा !

उस दिन हकीकत मैं बदनसीबी को भगा पाउँगा !! 45 !!

नव्गाराहो की पीड़ा भी तेरे नाम से मिट जाती !

अन्य कई उपग्रही की भी शिग्र ही शांति हो जाती !! 46 !!

हर दर्दी जब तेरी शरण घ्रहण कर लेता है !

सभी कष्टों से छुट्टी पाकर तेरी शरण मैं समां जाता है !! 47 !!

अनेक दुखियो ने अपने दुखो को मिनटों मैं भुलाया है !

तेरी प्यारी याद को ह्रदय मैं समावेश कराया है !! 48 !!

तुझे नहीं भूल सकता इस जीवन मैं मेरे प्राणनाथ !

जन्मो जनम मैं मिलता रे सदा आपका एक सा ही साथ !! 49 !!

सदा अच्छा बना रहू ऐसी आशा करता हु दयालु देव !

क्या मैं आर भी अधिक सुखी बन सकूँगा कृपालु देव !! 50 !!

शरण मैं आये बाद शंका नहीं हो सकती लवलेश !

आपके दर्शन करने से मुझे होजाता है प्रेम विशेष !! 51 !!

हर प्रभात उज्वल हो और संध्या भी वैसी ही चाहिए !

नाकोडा के प्रभाव से मेरा जीवन शुद्ध हो जाना चाहिए !! 52 !!

नित्य जपता रहू मैं तेरे मूल मंत्र की पांच माला !

मेरी अखंड साधना का जीवन मैं हो जावे उजाला !! 53 !!

उज्वल भविष की हर आत्मा चिंता किया करती है !

आपके दर्शन से मुझे तो चिंता से मुक्ति मिल जाती है !! 54 !!

भैरव शक्ति यन्त्र के दर्शन से मुझे हो जाता खुमार !

तेरी शरण मैं कही भी पड़ा रहू दे दो ऐसा प्यार !! 55 !!

क्या इतना हत भागी हु की तेरे दर्शन नहीं पा सकता !

सभी दोष क्षमा मिट गए है जीवन मैं दूर व्यावहार का !! 56 !!

हर रोगी और भोगी तुझे एक से ही स्वार्थ से ध्याते है !

सभी अपने अपने कार्यो मैं सफलता को पाते है !! 57 !!

केवल मैं ही रहा हु जिसकी अभी तक नहीं बना काम !

अब तो देव कृपा कर दो सो शीघ्र हो जावे शुभ काम !! 58 !!

विपदाओं मैं फंस कर भी तुझे नहीं भूल सकता हु !

तेरे नाम का जाप जपना तो मैं नहीं छोड़ सकता हु !! 59 !!

चाहे कितनी ही विपत्ति क्यों न आने पड़े मुझ पर !

तेरे ध्यान नहीं छोड़ सकता मैं एक पल भर !! 60 !!

चाहे मुसीबत का सागर उमड़ पड़े सर पर !

तेरे ध्यान नहीं भूल सकता मैं एक क्षण भर !! 61 !!

लाखो भक्त सब तेरे दरबार मैं सुखी हो जाते है !

तो मुझसा क्यों न उसी स्थान से सुखी हो पावेगा !! 62 !!

मुझे देव इसमें शंका लवलेश मात्र भी नहीं रही !

की आपके चरण चुने वाला भी कभी दुखी रहा !! 63 !!

जो स्त्री आपका ध्यान धरती नित्य प्रातः उठ कर !

वह कभी बाँझ नहीं रह सकती जीवन भर !! 64 !!

अनेक संकतो से उसका जीवन पार उतर जावेगा !

नाकोडा पार्श्वनाथ का नाम लेनेवाला मुक्ति को पावेगा !! 65 !!

जो विद्यार्थी लेगा आपका सोते उठते शुभ नाम !

वह आचे अंको मैं पास होगा इसमें शंका न जान !! 66 !!

कोर्ट कचेरी वाला भी मुझे क्यों छोड़ पावेगा दयालु !

हारा हुआ कैस जित जायेगा आपकी भक्ति से कृपालु !! 67 !!

 

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1. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा के पाठ से क्या फायदे  होता है

2. श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा – लिरिक्स, डाउनलोड MP3 रिंगटोन, PDF व विडियो

3. श्री नाकोड़ा भैरव जी की आरती

 

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  • श्री हनुमान चालीसा क्या है ?
  • श्री हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें व कब करें ?
  • श्री हनुमान चालीसा के पाठ का फल क्यों नहीं मिलता है ?
  • श्री हनुमान चालीसा के पाठ से क्या हानि होता है ?
  • क्या लड़कियां हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं, महिलाएं हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें ?

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4. Nakoda Bhairav Chalisa in English

॥ Doha ॥

Paashvarnaath Bhagavaan Kee, Moorat Chit Basae .

Bhairav Chaaleesa Likhoo, Gaata Man Harasae .

॥ Chaupai ॥

Shri Naakoda Bhairav Sukhakaaree,

Gun Gaaye Ye Duniya Saaree . !!1!!

Bhairav Kee Mahima Ati Bhaaree,

Bhairav Naam Jape Nar – Naaree . !!2!!

Jinavar Ke Hain Aagyaakaaree,

Shraddha Rakhate Sankit Dhaaree . !!3!!

Praatah Uth Jo Bhairav Dhyaata,

Rddhi Siddhi Sab Sampatti Paata . !!4!!

Bhairav Naam Jape Jo Koee,

Us Ghar Mein Nij Mangal Hoee . !!5!!

Naakoda Laakhon Nar Aave,

Shraddha Se Prasaad Chadhaave . !!6!!

Bhairav – Bhairav Aan Pukaare,

Bhakton Ke Sab Kasht Nivaare . !!7!!

Bhairav Darshan Shakti Shaalee,

Dar Se Koee Na Jaave Khaalee . !!8!!

Jo Nar Nit Uth Tumako Dhyaave,

Bhoot Paas Aane Nahin Paave . !!9!!

Daakan Chhoomantar Ho Jaave,

Dusht Dev Aare Nahin Aave . !!10!!

Maaravaad Kee Divy Mani Hain,

Ham Sab Ke To Aap Dhanee Hain . !!11!!

Kalpataru Hai Paratikh Bhairav,

Ichchhit Deta Sabako Bhairav . !!12!!

Aadhi Vyaadhi Sab Dosh Mitaave,

Sumirat Bhairav Shaanti Paave . !!13!!

Baahar Paradeshe Jaave Nar,

Naam Mantr Bhairav Ka Lekar . !!14!!

Choghadiya Dooshan Mit Jaave,

Kaal Raahu Sab Naatha Jaave . !!15!!

Paradesha Mein Naam Kamaave,

Dhan Bora Mein Bharakar Laave . !!16!!

Tan Mein Saatha Man Mein Saatha,

Jo Bhairav Ko Nity Manaata . !!17!!

Mota Doongar Ra Rahavaasee,

Arj Sunanta Daudya Aasee . !!18!!

Jo Nar Bhakti Se Gun Gaave,

Divya ratna sukh mangal pave. !!19!!

Shraddha Se Jo Sheesh Jhukaave,

Bhairav Amrt Ras Barasaave . !!20!!

Mil Jul Sab Nar Phere Maala,

Daudya Aave Baadal – Kaala . !!21!!

Megh jhare jo jharte nirjhar,

Khushali chave dharti par. !!22!!

Ann – Sampada Bhar Bhar Paave,

Chaaron Or Sukaal Banaave . !!23!!

Bhairav Hai Sachcha Rakhavaala,

Dushman Mitr Banaane Vaala . !!24!!

Desh – Desh Mein Bhairav Gaaje,

Khunt – Khunt Mein Danka Baaje . !!25!!

Hai Nahi Apana Jinake Koee,

Bhairav Sahaayak Unake Hoee . !!26!!

Naabhi Kendr Se Tumhen Bulaave,

Bhairav Jhat – Pat Daude Aave . !!27!!

Bhookhya Nar Kee Bhookh Mitaave,

Pyaase Nar Ko Neer Pilaave . !!28!!

Idhar – Udhar Ab Nahin Bhatakana,

Bhairav Ke Nit Paanv Pakadana . !!29!!

Ichchhit Sampada Aap Milegee,

Sukh Kee Kaliyaan Nity Khilengee . !!30!!

Bhairav Gan Kharatar Ke Deva,

Seva Se Paate Nar Meva . !!31!!

Keertiratn Kee Aagya Paate,

Hukm – Haajiree Sada Bajaate . !!32!!

Om Heen Bhairav Ban Ban Bhairav,

Kasht Nivaarak Bhola Bhairav . !!33!!

Nain Moond Dhun Raat Lagaave,

Sapane Mein Vo Darshan Paave . !!34!!

Prashno Ke Uttar Jhat Milate,

Raste Ke Sankat Sab Mitate . !!35!!

Naakoda Bhairav Nit Dhyaavo,

Sankat Meto Mangal Paavo . !!36!!

Bhairav Japanta Maalam – Maala,

Bujh Jaatee Duhkhon Kee Jvaala . !!37!!

Nit Uthe Jo Chaalisa Gaave,

Dhan Sut Se Ghar Svarg Banaave . !!38!!

॥ Doha ॥

Bhairu Chaalisa Padhe, Man Mein Shraddha Dhaar .

Kasht Kate Mahima Badhe, Sampada Hot Apaar . !!1!!

Jin Kaanti suri Gururaaj Ke, Shishy Maniprabh Raay .

Bhairav Ke Saanidhy Mein, Ye Chaaleesa Gaay . !!2!!

 

दोस्तों आज हमने श्री नाकोड़ा भैरव चालीसा व श्री नाकोड़ा भैरव जी की स्तुति जाना। आप अपनी राय या प्रतिक्रिया हमें कामेंट बाक्स में बता सकते हैं। हमारे सभी आर्टिकल के लिस्ट देखने के लिए साइटमैप पर क्लिक करें।

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