Sharda Mata ke Bhajan Lyrics: श्री शारदा माता के 15 लोकप्रिय भजन

श्री शारदा माता के सबसे लोकप्रिय 15 भजनों का संग्रह। आइए दोस्तों आज के लेख में हम मां शारदा के सबसे लोकप्रिय भजनों का का आनंद लेते हैं।

1. श्री शारदा माता की भजन – कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी

( कभी तो मेरे घर आना – विडियो )

कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी,

शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी।

मइया के पावन में पेजन बनाऊगी,

पेजन बनाऊ गी गुंगरु बनाऊगी,

छम छम नाच दिखाना मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी।

मइया के माथे पे बिंदियाँ सजाऊगी,

हीरा जड़ा पड़े चमकाना मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी।

मइया के द्वारे शिवरंजनी है आई,

शिव्रंजी आई जग नाता गाई,

भक्तो संग ठुमका लगाना मोरी शारदा भवानी,

कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी।

2. श्री शारदा माता के भजन – जय जय मां शारदा भवानी

जय जय जय शारदा भवानी,

लय ताल तान, स्वर सरगम ज्ञानी,

जय जय जय शारदा भवानी ।।

वीणा वाहिनी हंस सुबाहिनी,

वैभव शालिनी, बुद्धि प्रदायिनी,

माँ मैं याचक, हो तुम दानी,

जय जय जय शारदा भवानी ।।

ब्रह्म वादिनी सिद्धि प्रदायिनी,

चंद्र बदनी मंगल फल दायिनी,

हर पल गाउँ माँ तेरी बानी,

जय जय जय शारदा भवानी ।।

शब्द सुधा विज्ञान प्रदायिनी,

पद्मासिनी शुभ सुख वर दायिनी,

माँ कृपा करो, सरस्वती महारानी,

जय जय जय शारदा भवानी,

लय ताल तान , स्वर सरगम ज्ञानी……

3. श्री शारदा माता के भजन – भवानी मैया शारदा भजो रे

भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भरजे हे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो,

भवानी मैया हो।

रुठ के बैठी शारदा भुवन में,

शारदा भुवन में

लंबे लंबे बिखराये

अपने केश रे,

रुठ के बैठी हो,

भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भरजे हे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो,

भवानी मैया हो।

रक्तवर्ण के फुलवा माँ मंगावे,

फुलवा मां मंगावे रे

लंगुरवा पठावे हिंगलाज रे,

रक्तवर्ण के हो,

भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भरजे हे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो,

भवानी मैया हो।

जाओ जाओ बारे रे लंगुरवा,

बारे रे लंगुरवा लाओ फुलवा,

पंखुडिएं जिनमें पाँच रे,

के जाओ लंगुरवा हो,

भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भरजे हे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो,

भवानी मैया हो।

हिंगलाज में बैठी माँ भवानी,

बैठी भवानी मैया बिंदिया,

चमके चमक गुलज़ार रे,

अरे हिंगलाज में हो,

भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भरजे हे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो,

भवानी मैया हो।

4. श्री शारदा माता के भजन –  शारदा आ गई मेरे द्वार

( शारदा आ गई मेरे द्वार – विडियो )

पहने घघरिया ओढ़े चुनरिया,

हाथ लिए तलवार,

शारदा आ गई मेरे द्वार ।।

पहने घघरिया ओढ़े चुनरिया,

हाथ लिए तलवार,

शारदा आ गई मेरे द्वार ।।

भवन मैया का मईहर विराजे,

ध्वजा की अजब बहार,

शारदा आ गई मेरे द्वार ।।

लाल लाल चूड़ी लाल लाल बिंदिया,

भक्त करें श्रृंगार,

शारदा आ गई मेरे द्वार ।।

सुर नर मुनि सब आरती उतारें,

हो रही जय जैकार,

शारदा आ गई मेरे द्वार ।।

हम सबको है तेरा सहारा,

करती सभी का उद्धार,

शारदा आ गई मेरे द्वार ।।

पहने घघरिया ओढ़े चुनरिया,

हाथ लिए तलवार,

शारदा आ गई मेरे द्वार ।।

5. श्री शारदा माता की भजन – माँ शारदे, जय भवानी शारदे

माँ शारदे, जय भवानी शारदे,

माँ शारदे, जय भवानी शारदे,

शारदे, शारदे, शारदे,

तू ज्ञान दे, वरदान दे,

सुर की पहचान दे।

माँ शारदे, जय भवानी शारदे,

माँ शारदे, जय भवानी शारदे।

इन चरणों की धूल लगा के,

भटके मन को राह दिखा के,

इसमें तेरी ज्योत जला के,

वंदन मैं गाऊ, तुझको सुनाऊँ,

छंद लय और ताल,

माँ शारदे, जय भवानी शारदे,

माँ शारदे, जय भवानी शारदे।

अज्ञानी को निर्गुणता से,

मुक्ति दे माँ काली घटा से,

ज्योतिर्मय कर अपनी कृपा से,

सुर सुंदरी माँ, हँसावाहिनी माँ,

भवसागर तार दे,

माँ शारदे, जय भवानी शारदे,

माँ शारदे, जय भवानी शारदे

6. श्री शारदा माता की भजन – मां शारदा तुम्हें आना होगा

माँ शारदा तुम्हे आना होगा

विणा मधुर बजाना होगा

मेरे मन मंदिर में मैया आना होगा

माँ शारदा तुम्हे आना होगा

सा रे ग म प ध नि सा मैया मै तो जाणू ना

सात स्वरों को मैया मेरी मै तो पहचानू ना

कीर्तन मैया तुम्हे आना होगा

विणा मधुर बजाना होगा

माँ शारदा तुम्हे आना होगा

विणा मधुर बजाना होगा

तू ही अम्बे तू ही दुर्गा तू ही महाकाली है

भक्तो की मेरी अम्बे मैया करती रखवाली है

ज्योति में तुमको समाना होगा

विणा मधुर बजाना होगा

माँ शारदा तुम्हे आना होगा

विणा मधुर बजाना होगा

तेरे बिना मैया मेरी साधना अधूरी है

सबसे पहले मैया तेरी वंदना जरुरी है

ताल से ताल मिलाना होगा

विणा मधुर बजाना होगा

माँ शारदा तुम्हे आना होगा

विणा मधुर बजाना होगा

7. श्री शारदा माता की भजन – वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति ज़गा देना,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

टू सारे संगीत सँवारे,

रागों में आभास तेरा,

सांसों की आज तुझी से,

सारे सुरों में वास तेरा,

राग रागिनी मेरी सरगम,

इनको और खिला देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

ग्रंथो के हर एक पन्ने पर,

तू ही शब्द सजाते हैं,

कलम थमा के तू कवियों से,

प्यारे गीत लिखाती है,

प्यारे गीत लिखाती है,

चलते रहे मेरी लेखनी,

इतना योग्य बना देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

तेरी कृपा से कला निखरती,

रंग खिले तस्वीरों में,

बहुत सतरंगी जीवन कर दे,

रंग भरे तकदीरों में,

जग में ऊंचा नाम रहे माँ,

ऐसी युक्ति लगा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

जब जब बोलूं कोई वाणी,

अमृत की बौछार लगे,

मधुर वचन हर मन को भाए,

वीणा की झंकार लगे,

कंठ बसो हे मात शारदे,

मीठे बोल सीखा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति ज़गा देना,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

8. श्री शारदा माता की भजन – हे शारदे माँ हे शारदे माँ

हे शारदे माँ हे शारदे माँ,

अज्ञानता से हमें तारदे माँ,

हे शारदे माँ हे शारदे माँ,

अज्ञानता से हमें तार दे माँ,

हे शारदे माँ

तू स्वर की देवी यह संगीत तुझसे,

हर शब्द तेरा हर गीत तुझसे,

तू स्वर की देवी यह संगीत तुझसे,

हर शब्द तेरा हर गीत तुझसे,

हम है अकेले हम है अधूरे,

तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ,

हम हैं अकेले हम हैं अधूरे,

तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ,

हे शारदे माँ हे शारदे माँ,

अज्ञानता से हमें तारदे माँ,

हे शारदे माँ

मुनियों ने समझी गुणियों ने जानी,

संतो की भाषा आगम की बाणी,

मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी,

संतो की भाषा आगम की बानी,

हम भी तो समझे हम भी तो जाने,

विद्या का हमको अधिकार दे माँ,

हम भी तो समझे हम भी तो जाने,

विद्या का हमको अधिकार दे माँ,

हे शारदे माँ हे शारदे माँ,

अज्ञानता से हमें तारदे माँ,

हे शारदे माँ

तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजे,

हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजै,

तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजै,

हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे,

मनसे हमारे मिटा दे अँधेरा,

हमको उजाला का परिवार दे माँ,

मनसे हमारे मिटा दे अँधेरा,

हमको उजाला का परिवार दे माँ,

हे शारदे माँ हे शारदे माँ,

अज्ञानता से हमें तारदे माँ,

हे शारदे मां

9. श्री शारदा माता के भजन – माँ शारदा मैया के मंदिर को जाना है

माँ शारदा मैया के मंदिर को जाना है

माँ शारदा मैया के मंदिर को जाना है,

महिहर की मिटी को माथे से लगाना है,

माँ शारदा मैया के मंदिर को जाना है ॥

भगतो के लिए मैया अमृत बरसाती है,

दुष्टो के लिए माता चंडी बन जाती है ॥

अपने भी पापो का माँ नाश कराना है

माँ शारदा मैया के

माँ संकट हरती है माँ मंगल करती है,

बने अनपूर्ण माँ भंडारे भरती है ॥

उसकी नजरो में तो कोई न बेगाना है,

माँ शारदा मैया के

हम रम के जोगी है हमें और किसी से क्या,

राजी है रजा में तेरी हमे और ख़ुशी से क्या,

वही मंजिल है अपनी जहा तेरा ठिकाना है,

माँ शारदा मैया के

10. श्री शारदा माता के भजन – वीणा वाली मां शारदे

वीणा वाली माँ शारदे,

ज़रा वीणा बजा देना,

मैया अपनी वीना से,

ज़रा रस बरसा देना,

वीणा वाली माँ शारदे,

ज़रा वीना बजा देना।

श्वेत वस्त्रों वाली,

हँस की सवारी है,

प्रेम भाव से सब रहे,

ऐसा ज्ञान दे जाना,

वीणा वाली माँ शारदे,

ज़रा वीना बजा देना।

तू जग से न्यारी है,

जग तेरा पुजारी है,

प्रेम भरे आँचल,

मुझपे उढ़ा देना,

वीणा वाली माँ शारदे,

ज़रा वीना बजा देना।

स्वर का तो ज्ञान नहीं,

लय का ठिकाना नहीं,

संगीत सागर से,

स्वर सुधा पिला देना

वीणा वाली माँ शारदे,

ज़रा वीना बजा देना।

वीणा वाली माँ शारदे,

ज़रा वीणा बजा देना,

मैया अपनी वीना से,

ज़रा रस बरसा देना,

वीणा वाली माँ शारदे,

ज़रा वीना बजा देना।

11. श्री शारदा माता के भजन – मां शारदे कहां तू वीणा बजा रही है

सरस्वती नमस्तुभ्यं

वरदे कामरूपिणी

विद्यारम्भं करिष्यामि

सिद्धिर्भवतु मे सदा

माँ शारदे कहाँ तू

वीणा बजा रही हैं

किस मंजु ज्ञान से तू

जग को लुभा रही हैं

किस भाव में भवानी

तू मग्न हो रही है

विनती नहीं हमारी

क्यों माँ तू सुन रही है

हम दीन बाल कब से

विनती सुना रहें हैं

चरणों में तेरे माता

हम सर झुका रहे हैं

हम सर झुका रहे हैं

माँ शारदे कहाँ तू

वीणा बजा रही हैं

किस मंजु ज्ञान से तू

जग को लुभा रही हैं

अज्ञान तुम हमारा

माँ शीघ्र दूर कर दो

द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में

माँ शारदे तू भर दे

बालक सभी जगत के

सूत मात हैं तुम्हारे

प्राणों से प्रिय है हम

तेरे पुत्र सब दुलारे

तेरे पुत्र सब दुलारे

मां शारदे कहाँ तू

हमको दयामयी तू

ले गोद में पढ़ाओ

अमृत जगत का हमको

माँ शारदे पिलाओ

मातेश्वरी तू सुन ले

सुंदर विनय हमारी

करके दया तू हर ले

बाधा जगत की सारी

बाधा जगत की सारी

माँ शारदे कहाँ तू

वीणा बजा रही हैं

किस मंजु ज्ञान से तू

जग को लुभा रही हैं

माँ शारदे कहाँ तू

वीणा बजा रही हैं

किस मंजु ज्ञान से तू

जग को लुभा रही हैं

12. श्री शारदा माता के भजन – हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे,

अम्ब विमल मति दे ।

जग सिरमौर बनाएँ भारत,

वह बल विक्रम दे,

वह बल विक्रम दे॥

हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे,

अम्ब विमल मति दे ।।

साहस शील हृदय में भर दे,

जीवन त्याग-तपोमर कर दे,

संयम सत्य स्नेह का वर दे ।।

स्वाभिमान भर दे,

स्वाभिमान भर दे ।।

हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे,

अम्ब विमल मति दे ।।

लव-कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम

मानवता का त्रास हरें हम,

सीता, सावित्री, दुर्गा मां ।

फिर घर-घर भर दे,

फिर घर-घर भर दे ।।

हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे,

अम्ब विमल मति दे ।।

13. श्री शारदा माता के भजन – हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

वीणा की बजैया सातों सुर के रचैया

हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया

हो हो हो हो

वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया

हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया

बिनती हज़ारी तोरा तानी सुनी हे मैया

सारदा भवानी

वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया

हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया

आ… आ… आ… आ…

आ… आ… आ… आ…

सा धा मा धा मा

जिकरा पे माई राउर कृपा होजाला

गुनी और ज्ञानी बानी जग में पुजाला

स्वर में तू जिकरा समां जालु माई

सुर सरगम के ओह ज्ञाता कहाला

मुर्खा भी बन जाला ज्ञानी सुनी हे मैया

सारदा भवानी

वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया

हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया

सूरदास कालीदस के कवी बनइलू

बाल्मीकिजी से तू रामायण लिखवाइलु

हो हो हो हो

रामचरितमानस के करदिहले रचना

तुलसी के जब तू कलम में समाइलु

कहबानु कितना बखानी सुनी हे मैया

सारदा भवानी

वीणा की बजैया सातों सुरों के रचैया

हंस पे सवार होके आजा मोरी मैया ।।

14. श्री शारदा माता के भजन – वीणा वादीनी ज्ञान की देवी अपने दया बरसा देना

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति ज़गा देना,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

टू सारे संगीत सँवारे,

रागों में आभास तेरा,

सांसों की आज तुझी से,

सारे सुरों में वास तेरा,

राग रागिनी मेरी सरगम,

इनको और खिला देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

ग्रंथो के हर एक पन्ने पर,

तू ही शब्द सजाते हैं,

कलम थमा के तू कवियों से,

प्यारे गीत लिखाती है,

प्यारे गीत लिखाती है,

चलते रहे मेरी लेखनी,

इतना योग्य बना देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

तेरी कृपा से कला निखरती,

रंग खिले तस्वीरों में,

बहुत सतरंगी जीवन कर दे,

रंग भरे तकदीरों में,

जग में ऊंचा नाम रहे माँ,

ऐसी युक्ति लगा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

जब जब बोलूं कोई वाणी,

अमृत की बौछार लगे,

मधुर वचन हर मन को भाए,

वीणा की झंकार लगे,

कंठ बसो हे मात शारदे,

मीठे बोल सीखा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति ज़गा देना,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,

अपने दया बरसा देना,

मेरे सर पर हाथ धरो माँ,

ज्ञान की ज्योति जगा देना।

15. श्री शारदा माता के भजन – कभी तो मेरे घर आना मोरी शारदा भवानी Lyrics in English

Kabhi to mere ghar ana mori Sharda Bhavani,

Sharda Bhavani mori Sharda Bhavani,

Kabhi to mere ghar ana mori Sharda Bhavani .

Maiya ke pavana me pejana banaugi,

Pejana banaugi guṃgaru banaugi,

Chham chham nach dikhana mori Sharda Bhavani,

Kabhi to mere ghar ana mori Sharda Bhavani .

Maiya ke mathe me bindiya sajaungi,

Hira jada padhe chamkana mori Sharda Bhavani,

Kabhi to mere ghar ana mori Sharda Bhavani.

Maiya ke dware shivranjani hai aaye,

Shivranjani hai aayee jag nata gai,

Bhakto sang thumka lagana mori Sharda Bhavani,

Kabhi to mere ghar ana mori Sharda Bhavani.

 

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