माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव नव दिन अउ नव रतिया – श्री दुकालू यादव जस गीत
माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव, नव दिन अउ नव रतिया यह जस गीत श्री दुकालू यादव जी द्वारा गाया हुआ बहुत ही लोकप्रिय जस गीत है। आज के पोस्ट में हम इस जस गीत का लिरिक्स जानेंगे।
साथ ही यहां नीचे इस जस गीत का वीडियो भी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से आप सभी को इस जस गीत का तर्ज समझने में आसानी होगी।
1. माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव, नव दिन अउ नव रतिया लिरिक्स
( माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव – विडियो )
माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव, माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव।
नव दिन अउ नव रतिया। मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव, माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव।
नव दिन अउ नव रतिया। मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
माटी माटी म गढ़ के माता, कुम्हार ह तोला बनाये।
कुम्हार ह तोला बनाये हो मईया, कुम्हार ह तोला बनाये।
नवरतन के गहना बनाके, सोनार ह तोला सजाये।
सोनार ह तोला सजाये हो मईया, सोनार ह तोला सजाये।
कोस्टा भईया लुगरा पहिराके, कोस्टा भईया लुगरा पहिराके , पहिराए हे ओढ़निया ..
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
हे जगदंबा मूर्ति ला तोर, बघवा ऊपर बैठाके वो
बघवा ऊपर बैठाके वो मईया, बघवा ऊपर बैठाके वो
जस ला गाये सेउक भगत मन, लाने तोला परघाके वो।
लाने तोला परघाके वो मईया, लाने तोला परघाके वो।
बावहन, देवता, करे आरती। बावहन, देवता, करे आरती, संझा अउ बिहिनिया …
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
गौ माता के गोबर में सुग्घर, अंगना दुआर लिपाये वो।
अंगना दुआर लिपाये वो मईया, अंगना दुआर लिपाये वो।
गंहु पिसान के चारों खुट में, चुक चुक चौक पुराये वो।
चुक चुक चौक पुराये वो मईया, चुक चुक चौक पुराये वो …
चंदन काठ के बढ़ई भईया,चंदन काठ के बढ़ई भईया, मढ़ाये हे पिढ़हनिया …
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
नर नारी मन पुजा करत हे, माता तोर चरण के ।
माता तोर चरण के वो मईया, माता तोर चरण के।
नौ नौ कोस ले आस हे लेके, दाई तोर दर्शन के।
दाई तोर दर्शन के वो मईया, दाई तोर दर्शन के।
नौ रुप के दर्शन कर के, नौ रुप के दर्शन कर के
धन्य होगे कोसरिया
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव, माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव।
नव दिन अच नव रतिया। मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
मईया तोर लागंव पइया, मईया तोर लागंव पइया।
दोस्तों आज के लेख में हमने श्री दुकालू यादव जी द्वारा गाया हुआ माता जस गीत माटी के दुर्गा तोला बईठारेंव, नव दिन अउ नव रतिया इस जस गीत का लिरिक्स व वीडियो का आनंद लिया। आज के लेख के संबंध में आप अपनी राय या सुझाव हमें कामेंट बाक्स में बता सकते हैं।